धर्म-कर्म

कालाष्टमी 16 नवंबर को, जानें भगवान काल भैरव जी की पूजा विधि

v- काल भैरवजी की पूजा के आशीर्वाद, जानें क्या करना है आपको

Nov 15, 2022 / 01:03 pm

दीपेश तिवारी

भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की जन्मतिथि कई धार्मिक पुस्तकों में मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बताई गई है, ऐसे में इस साल यह तिथि कल बुधवार 16 नवंबर 2022 को है। ऐसे में भक्त कालभैरव जी (kaal bhairav puja vidhi) को प्रसन्न करने के लिए कई तरह से कोशिशें भी करेंगे। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको भगवान कालभैरव की पूजा विधि (kaal bhairav puja vidhi) के बारे में बता रहे हैं।

काल भैरवजी की पूजा के संबंध में मान्यता है कि इसे करने से व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इनकी पूजा (kaal bhairav puja vidhi) करने से ग्रह बाधा और शत्रु बाधा दोनों ही दूर होते हैं। माना जाता है कि इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए कालाष्टमी (kalashtami puja vidhi) के दिन भगवान भैरव की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

कालाष्टमी पूजन विधि (Kalashtami 2022 Pujan Vidhi)

कालाष्टमी के दिन काल भैरव के साथ साथ मां दुर्गा की पूजा (kalashtami puja vidhi) करने का विधान है। इस अष्टमी तिथि व सप्तमी तिथि के मध्य अर्ध रात्रि के बाद दुर्गा पूजा में कालरात्रि देवी के पूजन की तरह पूजा करनी अत्यंत शुभ मानी गई है। वहीं कालाष्टमी पर पूजा में काल भैरव (kaal bhairav puja vidhi) के साथ में मां पार्वती और भगवान शिव की कथा सुननी चाहिए।

कालाष्टमी (kalashtami puja vidhi) के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। जिसके बाद भगवान काल भैरव (kaal bhairav puja vidhi) को काले तिल,उड़द और सरसों का तेल का दीपक अर्पित करना चाहिए, साथ ही मंत्रों के जाप सहित इनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान काल भैरव (kaal bhairav puja vidhi) प्रसन्न होते हैं और भक्त पर अपनी कृपा की वर्षा करते हैं।

कालाष्टमी के दिन (kalashtami puja vidhi) श्रद्धानुसार साबुत बिल्बपत्रों पर लाल या सफ़ेद चंदन से ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। ध्यान रहे बिल्बपत्र अर्पित करते समय पूर्व या उत्तर की ओर मुख करें। मान्यता के अनुसार इस तरह पूजा करने से काल भैरव (kaal bhairav puja vidhi) प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करते हैं।

इसके अलावा कालाष्टमी पूजा (kalashtami puja vidhi) के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं इस दिन का व्रत फलाहार किया जाता है। ऐसे में इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि मासिक कालाष्टमी (kalashtami puja vidhi) के दिन भैरव मंत्र का 108 बार जाप (kaal bhairav puja vidhi) करें। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं।

ध्यान रहे कि भगवान कालभैरव का वाहन कुत्ता है, इसलिए भैरव की कृपा पाने के लिए कालाष्टमी के दिन (kalashtami puja vidhi) काले कुत्ते को मीठी रोटी या गुड़ के पुए खिलाने चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन से कष्टों का निवारण होता है।

भगवान कालभैरव की उपासना (kaal bhairav puja vidhi) से भूत,प्रेत व ऊपरी बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही सभी नकारात्मक शक्तियों से छुटकारे के लिए इस दिन ॐ कालभैरवाय नम: का जाप और कालभैरवाष्टक का पाठ करना चाहिए।

भगवान कालभैरव की कृपा (kaal bhairav puja vidhi) पाने के लिए इस दिन किसी भैरव मंदिर में गुलाब, चंदन और गुगल की खुशबूदार अगरबत्ती जलाएं। साथ ही पांच या सात नींबू की माला भैरव जी को चढ़ाएं। इस दिन गरीब और बेसहारा लोगों को गर्म कपड़े दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

कालाष्टमी का व्रत (kalashtami puja vidhi) बहुत ही फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर पूरे विधि-विधान से काल भैरव की पूजा (kaal bhairav puja vidhi) करने से व्यक्ति के सारे कष्ट मिट जाते हैं। साथ ही काल उससे दूर हो जाता है।

कालाष्टमी (kalashtami puja vidhi) पर क्या करें और क्या न करें (Kalashtami 2022 Do’s and Dont’s)

1. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा करने से व्यक्ति को भगवान भैरव का आशीर्वाद (kaal bhairav puja vidhi) प्राप्त होता है।
2. कालाष्टमी के दिन भैरव मंदिर में सिंदूर, सरसों के तेल, नारियल, चना इत्यादि का दान करना चाहिए।
3. काला अष्टमी के दिन (kalashtami puja vidhi) भैरव देवता की तस्वीर या प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्री काल भैरव अष्टक का पाठ करें।
4. काल भैरव की सवारी काले कुत्ते को कालाष्टमी के दिन मीठी रोटियां खिलाएं।
5. कालाष्टमी (kalashtami puja vidhi) के दिन भूल से भी कुत्तों पर अत्याचार ना करें।

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