कब है काल भैरव अष्टमी 2024 (Kaal Bhairav Ashtami 2024 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार काल भैरव अष्टमी की शुरुआत 22 नवबर 2024 को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगी। इसका अगले दिन 23 नवबंर 2024 को शाम के 07 बजकर 56 मिनट पर समापन होगा। मान्यता है कि भैरव अष्टमी के दिन भगवान भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से भगवान भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।काल भैरव को मदिरा पान कराने की परंपरा (Tradition of offering liquor to Kaal Bhairav)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काल भैरव को तंत्र विद्या के मुख्य देवता माना जाता है। तांत्रिक परंपराओं में शराब को सुरापान के रूप में देखा गया है। शराब चढ़ाना आत्म-नियंत्रण और सांसारिक मोह-माया से मुक्त होने का प्रतीक माना जाता है।भौतिक और आध्यात्मिक संतुलन (physical and spiritual balance)
शराब का चढ़ावा काल भैरव की उग्रता को शांत करने का प्रतीक है। इसे भक्त अपनी आस्था और समर्पण के रूप में अर्पित करते हैं। यह दर्शाता है कि सांसारिक भोग-विलास और आध्यात्मिकता दोनों को संतुलित रूप से अपनाया जा सकता है।पाप और पवित्रता का प्रतीक (Symbol of sin and purity)
शराब आमतौर पर नकारात्मक या अशुद्ध मानी जाती है। लेकिन काल भैरव को शराब अर्पित करना इस बात का प्रतीक है कि वह हर प्रकार के पाप, अज्ञान और नकारात्मकता को स्वीकार कर उसे पवित्रता और ज्ञान में बदल देते हैं।शक्ति और निर्भयता का प्रतीक (Symbol of strength and fearlessness)
काल भैरव को शराब चढ़ाने से भक्त निर्भयता और आत्मविश्वास का अनुभव करते हैं। यह अनुष्ठान इस बात का प्रतीक है कि काल भैरव के प्रति समर्पण से भय, असुरक्षा और नकारात्मकता का नाश होता है।काल भैरव अष्टमी पर क्या करें? (What to do on Kaal Bhairav Ashtami?)
इस पवित्र दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। काल भैरव की पूजा के लिए एक थाल सजाएं जिसमें अक्षत, बेलपत्र, काले तिल, सरसों का तेल, धूप, दीप और एक लोटा में जल लें। इसके बाद भगवान काल भैरव की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं। मंत्र जाप “ॐ कालभैरवाय नमः” या “ॐ भ्रं कालभैरवाय फट् स्वाहा” मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि यह मंत्र 108 बार जपने से विशेष फल प्राप्त होता है।
भगवान को इमरती, लड्डू या काले तिल से बने व्यंजन अर्पित करें। इसके बाद में भैरव जी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें। मान्यता है जो भक्त इस दिन विधि-विधान से पूजा करता है। उसे शुभफल की प्राप्ति होती है और मगभगवान काल भैरव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।