कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा
ज्येष्ठ पूर्णिमा का प्रारंभः 21 जून 2024 को शुक्रवार सुबह 07:33 बजेज्येष्ठ पूर्णिमा का समापनः 22 जून 2024 को शनिवार सुबह 06:39 बजे ये भी पढ़ेंः Guru Uday: बृहस्पति उदय से 4 राशियों का होगा भाग्योदय, साल भर देगी किस्मत साथ
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व और उपाय
वाराणसी के पुरोहित पं शिवम तिवारी के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा (jyeshtha purnima) के दिन स्नान, ध्यान, दान पुण्य का विशेष महत्व है। खास बात यह है कि जिन युवक और युवतियों का विवाह होते-होते रूक जाता है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही होती है, वे ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सफेद कपड़े पहन कर शिव जी का अभिषेक करें और भगवान शिव की पूजा करें तो उनके विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कुछ आसान उपाय करने से आपको नौकरी, कारोबार में तरक्की मिल सकती है।जीवन की हर बाधा ऐसे होगी दूरः ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दंपती को चंद्र देव को दूध से अर्घ्य देना चाहिए। इससे उनके जीवन में आ रही हर छोटी-बड़ी समस्या दूर हो जाती है। यह काम पति या पत्नी किसी द्वारा किया जा सकता है।
इस उपाय से चमकता है भाग्यः ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात यदि कोई किसी कुएं में चम्मच से दूध डालता है तो उसका भाग्य चमक जाता है। साथ ही यदि उसे किसी भी जरूरी कार्य में कोई बाधा आ रही होती है तो वो भी दूर हो जाती है।
ग्रह दोष का उपायः यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में कोई ग्रह दोष है तो उसे दूर करने के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करना चाहिए।
आर्थिक स्थिति अच्छी करने के लिएः ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की तस्वीर पर 11 कौड़ियां चढ़ा कर उस पर हल्दी से तिलक लगाना चाहिए। इसके बाद अगली सुबह इन्हें किसी लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रख दें, इससे आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।