मकरोनिया में हुआ चातुर्मास कलश स्थापना समारोह
चातुर्मास का इतिहास प्राचीन है, सनातन धर्म में भी भगवान श्रीराम ने वनवास के समय चातुर्मास किया था। दिगंबर संत जब भी हमारे बीच आते हैं, तो वह हमें सिखाने के लिए नहीं, जगाने के लिए आते हैं।
मकरोनिया में हुआ चातुर्मास कलश स्थापना समारोह
संत जागरण एवं आचरण का संदेश सागर. चातुर्मास का इतिहास प्राचीन है, सनातन धर्म में भी भगवान श्रीराम ने वनवास के समय चातुर्मास किया था। दिगंबर संत जब भी हमारे बीच आते हैं, तो वह हमें सिखाने के लिए नहीं, जगाने के लिए आते हैं। संत जागरण एवं आचरण का संदेश लेकर आते हैं। यह बात आर्यिका गुणमति माता ने दीनदयाल नगर स्थित शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चातुर्मास कलश स्थापना समारोह में कही। उन्होंने कहा कि मैं आपको सिखाने नहीं, आपको जगाने का काम करूंगी। धर्म सभा में कुछ बनने का भाव लेकर ही आना चाहिए। मां जिनवाणी को हृदय में प्रवेश कराना है, तो हृदय के पाट एवं मस्तिष्क की खिड़की को खोलकर रखना होगा।