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कोयंबटूर

पति-पत्नी गृहस्थ रूपी गाड़ी के दो पहिए

पति-पत्नी गृहस्थ रुपी गाड़ी के दो पहिए हैं। जैसे एक पहिया बड़ा और दूसरा छोटा हो तो गाड़ी असंतुलित हो जाती है। इसी प्रकार गृहस्थी रूपी गाड़ी को पति-पत्नी चलाते हैं।

कोयंबटूरSep 10, 2019 / 11:55 am

Rahul sharma

पति-पत्नी गृहस्थ रूपी गाड़ी के दो पहिए

पति-पत्नी गृहस्थ रूपी गाड़ी के दो पहिए

कोयम्बत्तूर. पति-पत्नी गृहस्थ रुपी गाड़ी के दो पहिए हैं। जैसे एक पहिया बड़ा और दूसरा छोटा हो तो गाड़ी असंतुलित हो जाती है। इसी प्रकार गृहस्थी रूपी गाड़ी को पति-पत्नी चलाते हैं। दोनों के समान होने पर परिवार की गाड़ी सुखपूर्वक चलती है।
पंकज मुनि ने यह बात सोमवार को Coimbatore ओपनकारा स्ट्रीट जैन स्थानक में चल रहे चातुर्मास कार्यक्रम के तहत धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने ब्रह्मचर्य की दो धाराएं बताईं। इनमें एक महाव्रत व एक अणुव्रत। जिसमें पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन है वह महाव्रत है और जिसमें आंशिक छूट दी गई है वह अणुव्रत है। महाव्रत का विधान साधु-साध्वियों के लिए है जबकि अणुव्रत श्रावक -श्राविकाओं के लिए है। इसमें पुरुषों के लिए कहा गया है, एक नारी सदाचारी। पतिव्रत धर्म का पालन करती है उस नारी के दर्शन भी शुभ होते हैं। शास्त्र में बताया गया है एक सच्ची धर्म पत्नी कैसी होती है। धम्म सहाईया अर्थात पति के धर्म की आराधना में सहायक बने। दूसरी बात धम्म वज्जिया यानि धर्म वैद्या या पति के जीवन में कोई व्यसन हो तो उस बुरी आदत को दूर करने का कार्य करे। मुनि ने कहा कि धम्मानुरागरता यानि ऐसी पत्नी जिसके रग-रग में धर्म का वास हो। सम्म सुह दुह सहाईया यानि जो पति के दुख-सुख में समान रूप से पति का साथ देती है। वही नारी वास्तव में सन्ननारी है और धर्म पत्नी कहने की अधिकारी है।
कार्यक्रम में आचार्य जयमल जयंती महोत्सव के तीसरे दिन वृद्धाश्रम में भक्तों की ओर से 100 चादरें भेंट की गईं। संघ के सचिव धनराज चौरडिय़ा ने कहा कि 15 सितम्बर को विश्वशांति जप होगा। इस मौके पर वृद्धाश्रम से आई प्रतिनिधियों को पदम कोठारी व सुमित कांकरिया ने अमरमुनि लिखित सचित्र तीर्थकंर चरित्र भेंट किया।

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