Jagannath Rath Yatra 2024: पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा दुनिया भर में प्रसिद्ध है, यह भारतीय संस्कृति और उत्सवधर्मिता का प्रतीक है। इसमें लाखों भक्त शामिल होते हैं। आइये जानते हैं इस रथ यात्रा की खास बातें (Jagannath puri rath yatra tradition gundicha mandir)…
जगन्नाथ रथ यात्रा की परंपरा
Jagannath Rath Yatra 2024: ओडिशा के पुरी में भगवान श्रीकृष्ण (जगन्नाथ), बलभद्र (जगन्नाथ के बड़े भाई) और सुभद्रा (जगन्नाथ की बहन) का मंदिर है। कथा के अनुसार एक भक्त कर्म फल से बचाने के लिए भगवान जगन्नाथ उसके हिस्से के 15 दिन के लिए बीमार हो जाते हैं। इसके लिए वो
एकांतवास में चले जाते हैं और बाद में उनकी तबीयत में सुधार होती है तो मौसी के घर जाते हैं।
इसी के बाद से हर साल भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया के दिन नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं और मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। इसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं और भक्त मुख्य मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर तक इस रथ को खींचते हैं। रथयात्रा के लिए बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ बनाए जाते हैं। आइये जानते हैं जगन्नाथ रथ यात्रा की खास बातें ..
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