1959 में चीनी सेना द्वारा तिब्बती राष्ट्रीय आंदोलन कुचले जाने के बाद दलाई लामा भारत आ गए थे और यहां हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय स्थापित किया। धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती संसद में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत 46 सदस्य हैं। इसके लिए भारत और दुनिया के 33 देशों में रहने वाले तिब्बती एक व्यक्ति और एक मत प्रणाली से मतदान करते हैं। इसकी निर्वासित सरकार भी काम करती है।
दलाई लामा के विचार और संदेश (Dalai Lama Message)
1. शांति, अहिंसा और सचेतन प्राणी की खुशी के लिए काम करना दलाई लामा का बुनियादी सिद्धांत है।
2. परमपावन का संदेश है प्यार, करूणा और क्षमाशीलता।
3. मनुष्य को सार्वभौमिक उत्तरदायित्व की व्यापक भावना का विकास करना चाहिए। हमें पूरी मानवता के लाभ के लिए काम करना चाहिए। यह विश्व शांति, प्राकृतिक संसाधनों के समवितरण, भविष्य की पीढ़ी के हितों के लिए पर्यावरण की उचित देखभाल का आधार है।
4. परमपावन दयालुता को अपना धर्म मानते हैं। वे हमेशा पर्यावरण और सभी जीव जंतुओं की रक्षा के लिए प्रयास करने पर जोर देते हैं।