श्रद्धा, आस्था और तन्मयता से की गई पूजा अपने आपमें सार्थक मानी जाती है लेकिन इस बात को शायद कम ही लोग जानते होंगे कि बची हुई पूजन सामग्री से भी हम अपने सुख-समृद्धि और वैभव को पा सकते हैं। दीपावली, गणेशोत्सव या
नवरात्र किसी भी
देवी-देवता की पूजा के समय जो सामग्री हम अपनी थाली में सजाते हैं, वह शेष रूप में बच ही जाती है। ऎसे में अधिकांश लोग उसे विसर्जित कर देते हैं लेकिन
ज्योतिषाचार्यो और विद्वानों के मतानुसार उस सामग्री को फेंके नहीं बल्कि अपने घर, आलमारी, पूजा स्थल और पॉकेट आदि में सालभर तक रखने से घर में बरकत व सुख-समृद्धि में लाभ मिलता है।
(1)
अक्षत : पूजन संपन्न होने के बाद जो अक्षत थाली में शेष रह जाएं उन्हें घर में रखे गेहूं-चावल आदि में मिला दें। इससे घर हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण रहेगा।
(2)
चुनरी : इसे अपने घर की अलमारी में कपड़ों के साथ रखें ताकि माता के आशीर्वाद से हम नित नए परिधान पहन सकें और माता की कृपा हम पर बनी रहे।
(3)
बिंदी-मेहंदी: पूजा के बाद जो बिंदी-मेहंदी रह जाती है उसे कुंवारी लड़कियो और विवाहित स्त्रियों को लगाना चाहिए। माना जाता है कि इससे कुंवारियों को योग्य वर और विवाहिताओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
(4)
गोल सुपारी-जनेऊ : पूजन शुरू करने से पहले प्रथम पूज्य गणेशजी की पूजा की जाती है। प्रतीकात्मक रूप से हम गणेशजी की स्थापना करते हैं। पान पर कुमकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर गोल सुपारी रखकर जनेऊ पहनाते हैं। पूजन के बाद इन्हें लाल कपड़े में बांधकर रखें ताकि धन की बरकत बनी रहे।
(5)
नारियल : इसे फोड़कर उसका प्रसाद बांट दें। यदि ऎसा नहीं करना है तो हवन में पूरा नारियल होम दें अन्यथा उसे लाल या सफेद कपड़े में बांधकर पूजा वाले स्थान पर रखें।
(6)
रक्षा सूत्र : पूजन से बचे हुए रक्षा सूत्र को घर की अलमारी या दुकान की तिजोरी पर बांध सकते हैं।
(7)
पुष्प-हार : इन्हें फेंके नहीं बल्कि घर के मुख्य दरवाजे पर बांध दें। पुष्प हार जब पूरी तरह मुरझा जाएं तो गमले या बगीचे में इन्हें फैला दें। ये नए पौधे के रूप में आपके साथ रहेंगे।
(8)
कुमकुम : किसी भी देवी-देवता का पूजन बिना कुमकुम के अधूरा माना जाता है। पूजन के बाद बचे हुए कुमकुम को महिलाएं अपनी मांग में लगाएं, इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। घर में जब भी कोई नई वस्तु की खरीदारी हो, तब उसका पूजन इसी कुमकुम से करने पर धन-वैभव में वृद्धि की मान्यता है।