1- अगर आपके रास्ते में कोई बुजुर्ग महिला या पुरुष आ जाए तो तुरंत पीछे हटकर उन्हें मार्ग देवें । उनका अपमान भूलकर भी न करें । संभव हो उनकी कुछ मदद भी कर दें । ऐसा करने पर उनके बिना कहे भी सुक्ष्म जगत से उनका आशीर्वाद आपको मिलेगा ही, उस आशीर्वाद से आपके बिगड़ते काम भी सिद्ध हो जायेंगे ।
3- यदि घर से बाहर जाते समय रास्ते में कोई रोगी या पीढ़ित व्यक्ति सामने आ जाए तो सबसे पहले उसको आगे जाने दे, क्योंकि ऐसा व्यक्ति दया व स्नेह का पात्र होता है, संभव है रोगी उपचार के लिए जा रहा हो अगर हम उसे मार्ग न देते हुए पहले स्वयं रास्ते का उपयोग करेंगे तो उपचार में देरी से रोगी को किसी विकट परिस्थिति का सामना भी करना पड़ सकता है । रोगियों की सेवा करना बड़ा ही पुण्य का काम माना गया है । ऐसा करने से आप ईश्वर की विशेष कृपा के अधिकारी बन जाते हैं, और जिनके उपर ईश्वर प्रसन्न हो जाते हैं उसके जीवन से समस्त बाधाएं स्वतः ही दूर हो जाती हैं ।
4- यदि जिस रास्ते से आप जा रहे हो और वह रास्ता बुहत छोटा सकरा हो, और उसी रास्ते से कोई भारी बोझ उठाए हुआ व्यक्ति आ जाए तो पहले उसे ही जाने दें । क्योंकि जिस व्यक्ति के सिर या हाथों में बोझ होता है वह सामान्य स्थिति में खड़े व्यक्ति से ज्यादा कष्ट का अनुभव कर रहा होता है, इसलिए ऐसी स्थित बनती हैं तो में हमें उसे ही पहले जाने देना चाहिए और यही शिष्टता भी है । कहा जाता हैं कि ऐसे लोगों की मदद करने से समाज में आपका सम्मान और भी बढ़ेगा ।
5- अगर रास्ते में किसी दूल्हे की बारात दिख जाये, यानी जिस व्यक्ति का विवाह होने जा रहा हो और वह आपके रास्ते में आ जाये तो पहले उसे ही आगे निकल जाने देना चाहिए । शास्त्रों के अनुसार दूल्हा बना व्यक्ति भगवान शिव का स्वरूप माना गया है । इसलिए शिव के सम्मान स्वरूप रास्ते में दिखे दूल्हा को नमस्कार करते हुए पहले उसे ही आगे जाने देना चाहिए, ऐसा करने पर शिवजी की कृपा से आपके सभी कार्य सफल होने लगेंगे ।