वहीं कई बार घर में शिव-लिंग पर जलाभिषेक करते समय लोग कुछ गलतियां कर देते हैं, जिसके कारण उन्हें उस अभिषेक का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता। तो चलिए ऐसे में आज जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जिनके संबंध में मान्यता है कि इनकी मदद से आप भी घर पर विधि-विधान के साथ शिवलिंग जलाभिषेक कर पाएंगे। जलाभिषेक की इस विधि की शुरुआत आप सोमवार, सावन के महीने, महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि जैसे खास दिनों पर करनी चाहिए।
घर पर शिव-लिंग जलाभिषेक करने का उचित तरीका
– इसके तहत शिवलिंग को अपने घर में किसी पीतल या तांबे की थाली या प्लेट में रख लें। यहां आप शिवलिंग के सामने छोटी सी ही सही नंदी की मूर्ति भी रखें। याद रखें आपको भगवान शिव की पूजा के साथ उनके वाहन नंदी को भी हर रोज प्रणाम करना आवश्यक है।
– भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए जरूरी चीजों को इकऋा कर लें। इन जरूरी चीजों में पानी, दूध, दही, शहद, घी, चंदन का पेस्ट, फूल और फल आदि शामिल हैं। इसके साथ ही पूजा की सामग्री में एक घंटी, अगरबत्ती, कपूर और एक दीपक भी रखें।
– भगवान शंकर की पूजा और जलाभिषेक से पहले स्नान कर अपने हाथ पैर अच्छे से साफ कर धुले व साफ कपड़े पहन लें।
– अब अभिषेक की शुरुआत शिवलिंग को जल चढ़ाकर करें। यहां आप पंच पत्र के चम्मच जिसे उद्रणी भी कहा जाता है का उपयोग सामग्री चढ़ाने के लिए कर सकते हैं। ध्यान रहे इस दौरान स्टील के बर्तन का उपयोग न करें।
– भगवान शिव के 108 नामों का जाप शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय अवश्य करें यदि ये मुमकिन न हो तो नमरू शिवाय ओम नमरू शिवाय का जाप करें।
– अब एक छोटी कटोरी कच्चे दूध से शिवलिंग पर अभिषेक करें और फिर थोडे से जल को भी शिवलिंग पर चढ़ाएं ।
– इसके पश्चात दही का शिवलिंग पर चढ़ाएं और पुनरू जल अर्पित करें। फिर घी चढ़ाने के बाद पुनरू जल अर्पित करें। ऐसे ही शहद चढ़ाने के बाद फिर जल अर्पित करें।
– यहां आप पंचामृत के साथ चंदन से भी भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं।
– इसके पश्चात एक बार फिर शिवलिंग को जल अर्पित करें।
– इसके पश्चात थाली से धीरे से शिवलिंग और नंदी बाबा की मूर्तियों को बाहर निकाल लें और उन्हें एक साफ कपड़े से पोंछ लें।
– इसके साथ ही अभिषेक की थाली को भी पूजा स्थल से हटा लेें और शिवलिंग और नंदी बाबा को पुनरू उनके वेदी पर रख दें।
– अब शिवलिंग पर कलावे का एक टुकड़ा, चंदन, अक्षत, जनेऊ, बेल पत्र, धतूरे के फूल और फल, अगरबत्ती, नारियल चढ़ा दें।
– आखिर में भगवान शिव की आरती कर अपनी पूजा का समापन कर लें।