धर्म-कर्म

कुंडली में यह योग बनने पर व्यक्ति निर्धन होने के साथ आजीवन कष्ट भोगता है

कुंडली के इस योग से व्यक्ति आजीवन गरीब होकर कष्ट भोगता है

Dec 12, 2018 / 01:22 pm

Shyam

कुंडली में यह योग बनने पर व्यक्ति निर्धन होने के साथ आजीवन कष्ट भोगता है

 

सोचो अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ऐसा योग बन जाये जिसके कारण संपन्न व सुखी परिवार के व्यक्ति को जीवन में निर्धन होने के साथ आजीवन कष्ट कठिनाई का सामना करना पड़े तो क्या होगा, ऐसा सोचकर भी रूह कापने लग जाती है । जी हां कुछ ऐसा ही एक योग है जो ज्यादा अनिष्टकारी तो नहीं होता, इस योग में व्यक्ति को सदैव अशुभ प्रभाव भी नहीं मिलते, बल्कि इस योग में व्यक्ति को जीवन में आ रही परेशानियों से संघर्ष करने और जूझने की क्षमता एवं शक्ति भी मिलती है । लेकिन अगर कभी किसी की कुंडली में अशुभ भाव में यह योग बन जाये तो उसके पूरे जीवन को बदल कर रख देता है । जाने आखिर वह योग कौन सा है जिससे व्यक्ति आजीवन कष्ट भोगता है ।

 

ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया की केमद्रुम योग एक ऐसा योग है जिसे ज्योतिष में चन्द्रमा के द्वारा निर्मित महत्वपूर्ण योग माना जाता है । कुंडली में चंद्रमा से द्वितीय और द्वादश स्थान में किसी भी ग्रह के न होने पर केमद्रुम योग बनता है । इसके अलावा यदि चंद्र किसी ग्रह के साथ युति में न हो या चंद्रमा पर किसी अन्य शुभ ग्रह की दृष्टि न पड़ रही हो तो भी केमद्रुम योग बनता है । लेकिन खास बात यह है कि इस योग के बनने में छाया अशुभ ग्रह कहे जाने वाले राहु-केतु की गणना नहीं की जाती है ।

 

इस योग से परेशानी
जिस किसी की कुंडली में केमद्रुम योग बन जाता है वे व्यक्ति- स्त्री, अन्न, घर, वस्त्र एवं परिवार से दूर हो जाते है, गरीब होते है, आय का साधन नहीं मिलता, ऐसे व्यक्ति आजीवन इधर-उधर भटकते रहते है, एवं अल्पबुद्धि, मलिन वस्त्र धारण करने वाले और नीच प्रवृत्ति के हो जाते है । यह केमद्रुम योग के बनने पर संघर्ष और अभाव से ग्रस्त जीवन व्यतीत करना पड़ता है । इस योग को दुर्भाग्य का ***** कहा गया है । लेकिन यह तथ्य‍ पूरी तरह सत्य नहीं है, क्योंकि केमद्रुम योग में जातक को अपने कार्यक्षेत्र में सफलता के साथ-साथ मान-सम्मान भी प्राप्त होता है । लेकिन जब कुंडली में कुछ विशेष योग बनने लग जाये तो केमद्रुम योग भंग होकर राजयोग में भी परिवर्तित हो जाता हैं ।

 

इस योग से नुक्सान
जब यह केमद्रुम योग बन जाता है तो व्यक्ति न चाहते हुए भी के कदम निर्धनता की ओर बढ़ने लग जाते है एवं उसे जीवन भर दुख में भोगना पड़ता है । केमद्रुम योग का मुख्य प्रभाव यह है कि इसके कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बदतर हो जाती है । उसकी आय के सभी साधन बंद हो जाते है । जातक के मन में भटकाव और असंतुष्टि की स्थिति बनी रहती है और ऐसा व्यक्ति कभी आत्मनिर्भर नहीं बन पाता । इस योग में जातक को पारिवारिक सुख प्राप्त नहीं होता एवं संतान से कष्ट मिलता है, एवं कभी कभी इस योग के प्रभाव व्यक्ति की अल्प आयु में ही मौत हो जाती है ।

 

इससे बचने के उपाय
1- अगर किसी की कुंडली में केमद्रुम योग बने तो कुछ उपायों के द्वारा इसके दुष्प्रभाव को कम या हमेशा के लिए खत्म हो जाता है ।
2- सोमवार के दिन पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को या फिर जब सोमवार के दिन चित्रा नक्षत्र में विशेष पूजा करने के साथ उपवास भी रखने से इस योग का दुष्प्रभाव कम होने लगता है ।
3- माह के प्रति सोमवार को पवित्र शिवलिंग पर गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करने से भी लाभ होता है ।
3- सोमवार के दिन चन्द्रमा से संबंधित वस्‍तुएं जैसे- दूध, दही, आईसक्रीम, चावल, पानी आदि का दान करने से भी लाभ होता है ।
4- अगर संभव हो तो प्रतिदिन श्रीसूक्‍त का पाठ अवश्य करें ।
5- पंचमुखी रुद्राक्ष की माला पहनने से भी लाभ होता हैं ।

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