होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है और इसके अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, इस बार होली के दिन कई वर्षों के बाद एक विशेष संयोग बन रहा है। इस संयोग को गजकेसरी योग कहा जा रहा है।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, गजकेसरी योग में ग्रह-नक्षत्र एक खाश दशा में होते हैं, जिसका विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ते हैं।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, गज का अर्थ होता है हाथी और केसरी का अर्थ होता है शेर। ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि हाथी और शेर को राजसी सुख से जोड़कर देखा जाता है।
ज्योतिष के जानकार बता रहे हैं कि इस बार लंबे अरसे बाद होली के दिन दो ग्रह अपनी ही राशि में रहेंगे। स्वराशि में रहने वाले ग्रह हैं गुरु और शनि। माना जा रहा है कि ऐसा होने से जातकों के जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य में बढ़त होगी।
दरअसल, होलिका दहन के दिन बृहस्पति ग्रह धनु राशि में और शनि मकर राशि में रहेंगे। बताया जा रहा है ऐसा संयोग लगभग 500 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 1521 में इस तरह के खास संयोग होली के दिन बना था।