ऐसे में उदया तिथि के चलते श्रावण अमावस्या का व्रत यानि हरियाली अमावस्या का पर्व रविवार,08 अगस्त को मनाया जाएगा। सावन मास की इस अमावस्या को सावन अमावस्या और श्रावणी अमावस्या भी कहते हैं।
मान्यता है कि श्रावणी अमावस्या के दिन पितृ पूजा, पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म करना उत्तम होता है। इसके अलावा इस दिन अमावस्या के पूजन के बाद नए पौधों भी लगाए जाते हैं।
ऐसे में लोगों द्वारा इस दौरान पीपल, बरगद, केला, तुलसी आदि का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन लगाए पौधे जैसे जैसे बढ़ते जाते हैं, उसी तरह से पौधा लगाने वाले जातक की भी वृद्धि होती जाती है।
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श्रावणी अमावस्या 2021 के शुभ मुहूर्त श्रावणी अमावस्या तिथि:- रविवार, 08 अगस्त 2021सावन अमावस्या तिथि शुरु:- 07 अगस्त 2021, शनिवार 07:12 PM से
सावन अमावस्या तिथि की समाप्ति:- 08 अगस्त 2021, रविवार 07:20 PM तक
सनातन संस्कृति में यूं तो हर अमावस्या तिथि का महत्व माना गया है, लेकिन धार्मिक कार्यों के लिए सावन अत्यधिक महत्वपूर्ण होने के कारण इस अमावस्या का महत्व अधिक होता है। इस तिथि पर पिंड दान के माध्यम से पितरों की शांति के अलावा पितृ पूजा के साथ ही तर्पण और श्राद्ध कर्म काफी उत्तम माने गए हैं।