सुंदरकाण्ड में हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन से लंका से वापसी तक के विशेष घटनाक्रमों का उल्लेख आता हैं। संपूर्ण रामायण कथा श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है किंतु सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है, जिसमे सिर्फ हनुमानजी की शक्ति और विजय की गौरव गाथा है। मान्यता हैं कि मंगलवार के दिन श्री हनुमान जी की विशेष पूजा पाठ – व्रत आदि करने से विशेष लाभ मिलता है। मंगल दोष से पीड़ित व्यक्तियों को मंगलवार का व्रत करने के साथ सुंदरकांड का पाठ एवं हनुमान चालीसा का पाठ विशेष रूप से करना चाहिए, श्री हनुमान जी की कृपा से मंगल दोष के साथ जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जायेंगी।
कहा जाता है कि सुंदरकाण्ड की इन चौपाई का एक मंत्र की तरह प्रयोग करने से हनुमान जी भक्त के सारे संकट दूर कर देते हैं।
1- उच्च विद्या प्राप्ति के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिए।
बुद्धिहीन तनु जान के, सुमिरो पवन कुमार
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार।
2- मुकदमे में विजय प्राप्ति के लिए इस चौपाई का पाठ करें
पवन तनय बल पवन समाना।
बुद्धि विवेक विग्यान निधाना।
3- पीड़ा निवारण के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिए।
हनुमान अंगद रन गाजे हांक
सुनत रजनीचर भाजे
4- विवाह में शीघ्रता के लिए इस चौपाई का पाठ करना चाहिए।
मास दिवस महुं नाथु न भावा
तो पुनि मोहि जिअत नहि पावा।
इन चौपाईयों का मंत्रों की तरह जप मंगलवार करते हुए बहुत ही करुण स्वर में श्री हनुमान जी को पुकारने से वे शीघ्र ही व्यक्ति के जीवन की हर तरह की मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। जप के समय सरसों के तेल का दीपक लगाकर दक्षिण दिशा की और मुंह करके लाल रंग के आसन पर बैठ कर ‘मूंगा माला’ से कम से कम 108 बार जप या पाठ करना चाहिए।
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