हिन्दू धर्म के शास्त्रों में लिखा गया हैं कि हनुमानजी महाराज अजर अमर हैं इसलिए वे कलयुग में सबसे सक्रिय देवताओं में से एक हैं । माता सीता ने हनुमानजी को अमरता का वरदान दिया गया था, इसी वरदान के प्रभाव से हनुमान जी चिरंजीवी हैं । अगर संकट के दिनों इनका नाम ही ले लिया जाता हैं तो सारे संकट दूर हो जाते हैं ।
यह पेड़ हैं हनुमान जी को प्रिय
हनुमान जी के आराध्य भगवान श्रीराम जो कि विष्णु जी के अवतार हैं, और कहा जाता है कि विष्णु जी का वास पीपल वृक्ष में भी होता हैं, इसलिए यह पेड़, इसके फल और इसके पत्ते श्री हनुमान जी भगवान को अति प्रिय हैं, और जो भी पीपल पेड़ की पूजा करने के बाद पीपल के पत्ते को विधि से हनुमान जी को भेट करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं । पीपल की पूजा करने से पैसों से जुड़ी समस्याएं, गंभीर रोग और कुंडली दोष भी नष्ट हो जाते हैं ।
शनिवार के दिन सुबह 4 बजे उठकर गंगाजल मिले जल से स्नान करने के बाद, अगर आसपास के किसी मंदिर में पीपल का पेड़ लगा हैं तो वहां जाकर सबसे पहले एक लोटा जल चढ़ाकर एक दीपक जलाकर 5 अगरबत्ती जला दें । अब उस पीपल पेड़ की हल्दी कुमकुम, चावल औऱ पुष्प से पूजा करने के बाद उसी पीपल पेड़ से अनुमति लेकर 11 हरे पत्ते तोड़कर सीधे हनुमान जी के मंदिर चले जायें । मदिर में बैठकर उन सभी 11 पत्तों को गंगाजल मिले शुद्ध जल से धो लें । अब इन पत्तों पर अष्टगंध में गाय का घी मिलाकर सभी पर श्रीराम जी का नाम लिखें, और इनकी माला बनाकर हनुमान जी को पहना दें । इस उपाय को करने के कुछ ही समय बाद हनुमान जी कृपा के चमत्कार दिखाई देने लगेंगे ।