वीरता
बाधाओं को पारकर लंका में माता सीता का पता लगाना, अपने रामदूत होने का उन्हें विश्वास दिलाना और राक्षसों का वध कर लंका को जलाकर लौटना जैसे वीरतापूर्ण कार्य के बाद भी अभिमान नहीं।विवेक
सूक्ष्म रूप धरि सिंयहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा.. हनुमान चालीसा बताती है कि हमारे पास इतना विवेक होना चाहिए कि कब छोटा बनना है और कब बड़ा बनना है। हनुमानजी से शिक्षा मिलती है कि हमें अपने विवेक का इस्तेमाल कर जीवन जीना चाहिए।बुद्धिमानी
विद्यावान गुनी अति चातुर… हनुमान सुरसा के सामने विस्तार करते हैं, फिर एक सीमा के बाद छोटे हो जाते हैं। यानी, हम प्रतिस्पर्धा में एक सीमा तक आगे बढ़ें, फिर जरूरतों को सीमित कर आगे बढ़ना चाहिए।शक्ति
अतुलित बल धामा… हनुमानजी से युवा पीढ़ी को मानसिक के साथ शारीरिक बल की प्रेरणा लेनी चाहिए। वर्तमान पीढ़ी पढ़-लिखकर जीवन में सफल बनना चाहती है किंतु शारीरिक बल की उपेक्षा करती है। ये भी पढ़ेंः मंगल 23 अप्रैल सुबह से बनाएगा चतुर्ग्रही योग, 4 राशियों पर होगी धन वर्षा, मिलेगी सुख संपदा