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Gurunanak Jayanti 2024: कब है गुरु नानक जयंती, सिख धर्म में क्या है इसका महत्व

Gurunanak Jayanti 2024: सिख धर्म में गुरु नानक जयंती बड़ा पर्व है। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। इस दिन गुरु नानक देव के द्वारा समाज सुधार के लिए दी गई गई शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है। साथ ही सिख धर्म के लोग गुरु ग्रंथ साहिब पाठ भी करते हैं।

जयपुरNov 14, 2024 / 07:52 pm

Sachin Kumar

यहां जानिए गुरु नानक ने कैसे किया समाज से कुरीतियों को दूर.

Gurunanak Jayanti 2024: गुरु नानक जयंती जिसे गुरु पर्व भी कहा जाता है। यह पर्व सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मदिन का पर मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती का यह पवित्र दिन प्रति वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष गुरु नानक जयंती 15 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। यह दिन सिख समुदाय के लिए अत्यधिक श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक माना गया है। क्योंकि गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं से मानवता को नया मार्ग दिखाया था। आइए जानते हैं कुछ विशेष बातें..

गुरु नानक जी का जीवन और शिक्षा (Gurunanak Ji ka Jivan Or Shiksha)

गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान का हिस्सा है। इस जगह को ननकाना साहिब नाम से जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवनकाल में समाज में फैली कुरीतियों जैस अंधविश्वास, पाखंड, जातिवाद और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनकी शिक्षाएँ ईश्वर एक है के सिद्धांत पर आधारित हैं। गुरु नानक देव ने लोगों को सत्य, करुणा, और मानवता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया था।
गुरु नानक देव जी ने चार प्रमुख यात्राएँ कीं, जिन्हें “उदासियाँ” कहा जाता है। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने हिंदू, मुस्लिम, और अन्य धार्मिक स्थलों का दौरा किया और वहां के लोगों को एकता, प्रेम, और भाईचारे का संदेश दिया। उनकी शिक्षाएँ सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ “गुरु ग्रंथ साहिब” में संकलित हैं।

गुरु नानक जयंती पर्व (Gurunanak Jayanti Parv)

गुरु नानक जयंती को सिख समुदाय के लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं। इस दिन की शुरुआत नानक देव की सुबह की प्रार्थना से होती है। जिसके बाद नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है। नगर कीर्तन एक धार्मिक जुलूस है जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में रखकर श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए नगर के सभी रास्तों से गुजरते हैं।
इस पर्व पर गुरुद्वारों में गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया किया जाता है। यह पाठ लगातार 48 घंटों तक बिना रुके किया जाता है। इसके साथ ही सिख समाज के लोग लंगर का आयोजन करते हैं, जो कि इस पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसमें हर धर्म और जाति के लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ भोजन करते हैं। यह गुरु नानक देव जी की सर्व धर्म समभाव की विचारधारा का प्रतीक है।

सिख धर्म में गुरु नानक जयंती का महत्व (Sikh Dharma Me Gurunanak Jayanti Mahatva)

गुरु नानक जयंती सिख धर्म के अनुयायियों के लिए केवल एक पर्व ही नहीं, बल्कि उनके जीवन में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को आत्मसात करने का अवसर है। यह दिन लोगों को एकता, समानता, और मानवता के प्रति समर्पण की प्रेरणा देता है। गुरु नानक जी के सिद्धांत आज भी समाज में प्रासंगिक हैं। ये सिद्धान्त हमें एक बेहतर समाज की ओर आगे बढ़ाते हैं। इस प्रकार, गुरु नानक जयंती न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। जो हमें प्रेम, शांति, और भाईचारे के साथ रहने की प्रेरणा देता है।
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डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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