शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र की पूजा का विरोध करते हुए गोवर्धन की पूजा की नई परंपरा शुरू करवाई थी । तभी से दिवाली के ठीक दूसरे दिन गोबर से घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है । इस दिन गायों की सेवा का भी विशेष महत्व माना जाता है । वैसे तो गोवर्धन पूजा का श्रेष्ठ समय प्रदोष काल यानी की गोधूली बेला में माना गया है । साल 2018 में गोवर्धन पूजा 8 नवंबर दिन गुरूवार को की जायेगी ।
इस शुभ मुहूर्त में करें गोवर्धन पूजा
1- सुबह 6 बजकर 42 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक ।
2- दोपहर 3 बजकर 18 मिनट से शाम 5 बजकर 27 मिनट तक ।
पूजा विधि
इस दिन घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन की मूर्ति बनाकर उसे फूलों से सजाकर, उसकी पूजा रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल आदि से दीपक जलाकर करें । गोवर्धन पूजा के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें । गायों को स्नान कराकर उन्हें सजाकर उनकी पूजा करें । गायों को मिष्ठान खिलाकर उनकी आरती करने के बाद 5 या 7 प्रदक्षिणा अवश्य करें ।
अन्नकूट
अन्नकूट शब्द का अर्थ होता है अन्न का समूह, विभिन्न प्रकार के अन्न को समर्पित और वितरित करने के कारण ही इस पर्व का नाम अन्नकूट पड़ा है, इस दिन बहुत प्रकार के पक्वान, मिठाई आदि का भगवान को भोग लगाया जाता है ।