भारतीय हिन्दू धर्म में गाय को माँ का दर्जा दिया जाता हैं क्यूंकि जैसे एक माँ का ह्रदय कोमल होता हैं, वैसा ही गाय माता का होता हैं । जैसे एक माँ अपने बच्चो को हर स्थिती में सुख देती हैं, वैसे ही गाय भी मनुष्य जाति को लाभ प्रदान करती हैं । गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गौ माता का पूजन किया जाता है । इसलिए कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को प्रात:काल गौओं को स्नान कराकर, उन्हें सुसज्जित करके गन्ध पुष्पादि से उनका पूजन करने के बाद गायों के साथ कुछ दूर तक चलना चाहिए, ऐसा कहा जाता हैं कि गाय पूजा से प्रगत्ति के मार्ग प्रशस्त होते हैं । गायों को भोजन कराना चाहिए तथा उनकी चरण को मस्तक पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से सुख सौभाग्य की वृध्दि होती है ।
गोपाष्टमी 2018 तिथि व मुहूर्त
गोपाष्टमी – 16 नवंबर 2018
गोपाष्टमी तिथि प्रारंभ – 15 नवंबर 2018 को 7 बजकर 4 मिनट से ।
गोपाष्टमी तिथि अंत – 16 नवंबर 2018 को 9 बजकर 40 मिनट तक ।
गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा करने वालों से भगवान श्री कृष्ण बेहद प्रसन्न होते हैं । क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गाय पूरे शरीर में सभी देवी देवताओं का वास माना जाता है । ऐसी मान्यता हैं की गौ सेवा करने वाले मनुष्यों का जीवन धन धान्य और खुशियों से भर जाता हैं इसलिए गाय माता की पूजा व सेवा करनी ही चाहिए ।