दशमी तिथि समापनः सोमवार 17 जून 2024 को सुबह 04:43 बजे
हस्त नक्षत्र प्रारंभः 15 जून 2024 को सुबह 08:14 बजे
हस्त नक्षत्र समापनः 16 जून 2024 को सुबह 11:13 बजे
व्यतीपात योग प्रारंभः 14 जून 2024 को शाम 07:08 बजे
व्यतीपात योग समापनः 15 जून 2024 को शाम 08:11 बजे
गंगा दशहरा पर शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योगः सुबह 05:34 बजे से सुबह 11:13 बजे तकरवि योगः पूरे दिन
अमृत सिद्धि योगः सुबह 05:34 बजे से सुबह 11:13 बजे तक
पृथ्वी पर अवतरण से पहले कहां था गंगाजी का निवास
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गंगा दशहरा देवी गंगा की पूजा का पर्व है। पृथ्वी पर आने से पहले देवी गंगा भगवान ब्रह्मा के कमंडल में निवास करती थीं। राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के बाद गंगा भागीरथ के पूर्वजों की शापित आत्माओं को शुद्ध करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं। इस दौरान वो अपने साथ स्वर्ग की पवित्रता को भी पृथ्वी पर लाईं थीं। गंगा दशहरा पर भक्त देवी गंगा की पूजा करते हैं और गंगा स्नान करते हैं। गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करना और दान-पुण्य करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा में पवित्र स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।इस दिन को भक्त गंगा के पुनर्जन्म के रूप में सेलिब्रेट करते हैं। क्योंकि भारतीय धर्म ग्रंथों के मुताबिक गंगा सप्तमी पर गंगा जयंती मनाई जाती है। यह भी माना जाता है कि गंगा दशहरा पर दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और कुंडली का ग्रह दोष दूर होता है। साथ ही गंगा की पूजा से सुख समृद्धि मिलती है।
गंगा पूजा मंत्र
ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नमः।।
गंगा दशहरा पर गंगा पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगाजल से स्नान करें
- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें
- गंगा दशहरा पर मां गंगा के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए
- माता गंगा और महादेव को पुष्प, चंदन अर्पित करें
- घी का दीपक जलाएं, भगवान शिव और माता गंगा की आरती और अष्टक गाएं
- भोग लगाएं, श्री गंगा चालीसा का पाठ करें
- आखिर में पूजा में जाने अनजाने हुई गलती के लिए क्षमा मांगें
पूजा में पढ़ें शंकराचार्य रचित श्रीगंगाष्टकं
॥ श्रीगंगाष्टकम् ॥
भगवति तव तीरे नीरमात्राशनोऽहं