धर्म-कर्म

Gita Shlok: गीता के 11 श्लोक जो बदल देंगे आपका जीवन, एकादशी पर पढ़ें ये मंत्र

Gita Shlok: गीता का नियमित पाठ करने वाले साधक को श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि गीता पाठक को बड़ी से बड़ी परेशानी भी कर्मपथ से विचलित नहीं कर पाती। संसार की सच्चाई जानने के बाद गीता पाठक कभी पथभ्रष्ट नहीं होते।

जयपुरNov 20, 2024 / 12:42 pm

Sachin Kumar

जानिए गीता के उन मंत्रों के बारे में जो बदलेंगे आपके जीवन को।

Gita Shlok: सनातन धर्म में एकादशी का दिन आध्यात्मिक साधना और आत्ममंथन के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों का स्मरण करना और उनके श्लोकों का पाठ करना मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है। श्रीमद्भगवद्गीता के ये 11 श्लोक आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। जानें इन सभी श्लोकों का हिंदी अर्थ।

1.कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन

    “कर्म करने का अधिकार तुम्हारा है, लेकिन उसके फल पर नहीं।”
    यह श्लोक सिखाता है कि किसी भी प्राणी को फल की चिंता किए बिना अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

    2. योगस्थः कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनंजय

      “योग में स्थित होकर कर्म करो और आसक्ति को त्यागो।”
      यह जीवन में संतुलन और निर्लिप्तता बनाए रखने की प्रेरणा देता है।

      3. समत्वं योग उच्यते

        “सफलता और असफलता में समान भाव रखना ही योग है।”
        जीवन में धैर्य और संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

        4. विहाय कामान्यः सर्वान् पुमांश्चरति निःस्पृहः

          “जो व्यक्ति समस्त इच्छाओं का त्याग कर देता है, वह शांत हो जाता है।”
          इच्छाओं का त्याग आत्मा की शुद्धि का मार्ग है।

          5. आत्मन्येव आत्मना तुष्टः

            “जो व्यक्ति अपने ही आत्मा में संतुष्ट है, वही सच्चा सुखी है।”
            सच्चा सुख बाहरी साधनों में नहीं, आत्मा में है।

            6. विद्या विनय संपन्ने ब्राह्मणे गवि हस्तिनि

              “विद्वान व्यक्ति सभी को समान दृष्टि से देखता है।”
              यह श्लोक हमें समानता और विनम्रता का पाठ पढ़ाता है।

              7. उद्धरेदात्मनात्मानं आत्मैव ह्यात्मनो बंधुः

                “मनुष्य स्वयं अपना मित्र और शत्रु है।”
                अपने विचारों और कर्मों पर नियंत्रण से सफलता पाई जा सकती है।

                8. दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः

                  “जो दुख में विचलित नहीं होता और सुख में आसक्त नहीं होता, वही स्थिर बुद्धि है।”
                  जीवन में स्थिरता और समता बनाए रखने की शिक्षा।

                  9. असतो मा सद्गमय

                    “असत्य से सत्य की ओर जाओ।”
                    सच्चाई के मार्ग पर चलने का संदेश।

                    10. मयि सर्वाणि कर्माणि संन्यस्याध्यात्मचेतसा

                      “सभी कर्म मुझे अर्पित करो।”
                      यह श्लोक समर्पण और ईश्वर पर विश्वास का प्रतीक है।

                      11.सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज

                        “सभी धर्मों को त्यागकर मेरी शरण में आओ।”
                        ईश्वर में पूर्ण विश्वास रखने की प्रेरणा।

                        गीता पाठ करने से मिलती है शांति (Gita Shlok: गीता का नियमित पाठ करने वाले साधक को श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि गीता पाठक को बड़ी से बड़ी परेशानी भी कर्मपथ से विचलित नहीं कर पाती। संसार की सच्चाई जानने के बाद गीता पाठक कभी पथभ्रष्ट नहीं होते।)

                        धार्मिक मान्याताओं के अनुसार जो साधक एकादशी के दिन इन श्लोकों का मनन और पाठ करेगा, उसके जीवन में शांति और शुद्धता का वास होगा।

                        Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Gita Shlok: गीता के 11 श्लोक जो बदल देंगे आपका जीवन, एकादशी पर पढ़ें ये मंत्र

                        Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.