scriptगायत्री मंत्र : हर रोज इतनी बार जप या उच्चारण से मनोकामना पूरी करने के साथ रक्षा भी करता है यह महामंत्र | gayatri mantra adbhut ke chamtkar in hindi | Patrika News
धर्म-कर्म

गायत्री मंत्र : हर रोज इतनी बार जप या उच्चारण से मनोकामना पूरी करने के साथ रक्षा भी करता है यह महामंत्र

गायत्री महामंत्र के समान शक्तिशाली ब्रह्मांड में कोई मंत्र नहीं

May 09, 2019 / 07:11 pm

Shyam

gayatri mantra

गायत्री मंत्र : हर रोज इतनी बार जप या उच्चारण से मनोकामना पूरी करने के साथ रक्षा भी करता है यह महामंत्र

ऋग्वेद में एक ऐसे महामंत्र का उल्लेख आता है कि जिसके दैनिक जीवन में जपने या उच्चारण करने से जीवन प्रखर व तोजोमय बनता है। अगर कोई व्यक्ति इस महामंत्र को जीवन का एक अनिवार्य अंग बना लें तो उसके जीवन के सारे अभाव दूर हो जाते हैं एवं सफलता, समृद्धि और सिद्धि का स्वामी भी हो जाता है। प्रकाशपुंज वेदमाता गायत्री का मंत्र गायत्री मंत्र। जानें इस गायत्री मंत्र को दिन में कब कब और कहां कितने बार उच्चारण करना चाहिए।

 

1- सुबह बिस्तर से उठते ही अष्ट कर्मों को जीतने के लिए 8 बार गायत्री महामंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

2- सुबह सूर्योदय के समय एकांत पूजा में बैठकर से 3 माला या 108 बार नित्य जप करने से वर्तमान एवं भविष्य में इच्छा पूर्ति के साथ सदैव रक्षा होती है।

3- भोजन करने से पूर्व 3 बार उच्चारण करने से भोजन अमृत के समान हो जायेगा ।

4- हर रोज घर से पहली बार बाहर जाते समय 5 या 11 बार समृद्धि सफलता, सिद्धि और उच्च जीवन के लिए उच्चारण करना चाहिए।

5- किसी भी मन्दिर में प्रवेश करने पर 12 बार परमात्मा के दिव्य गुणों को याद करते हुये गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

6- अगर छींक आ जाए तो उसी समय 1 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से सारे अमंगल दूर हो जाते हैं।

7- रोज रात को सोते समय 11 बार मन ही मन गायत्री मंत्र का जप करने से 7 प्रकार के भय दूर हो जाते हैं एवं दिन भर की सारी थकान दूर होते ही गहरी नींद आ जाती है।

गायत्री महामंत्र को सूर्य देवता की उपासना साधना के लिये भी प्रमुख माना जाता है। इसलिए इसका जप या उच्चारण करते समय भाव करें कि- हे प्रभू! आप हमारे जीवन के दाता है, आप हमारे दुख़ और दर्द का निवारण करने वाले है, आप हमें सुख़ और शांति प्रदान करने वाले है, हे संसार के विधाता हमें शक्ति दो कि हम आपकी ऊर्जा से शक्ति प्राप्त कर सके और आपकी कृपा से हमारी बुद्धि को सही राह प्राप्त होने लगे।

gayatri mantra

गायत्री महामंत्र

।। ॐ भूर्भुवः स्वःतत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।।
गायत्री महामंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या- इस मंत्र के पहले 9 शब्द ईश्वर के दिव्य गुणों की व्याख्या करते हैं।

1- ॐ = प्रणव

2- भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाले

3- भुवः = दुख़ों का नाश करने वाले

4- स्वः = सुख़ प्रदान करने वाले

5- तत = वह

6- सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल

7- वरेण्यं = सबसे उत्तम

8- भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाले

9- देवस्य = प्रभु

10- धीमहि = आत्म चिंतन के* *योग्य (ध्यान)

11- धियो = बुद्धि

12- यो = जो

13- नः = हमारी

15- प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें।

अर्थात- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें।
**********

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / गायत्री मंत्र : हर रोज इतनी बार जप या उच्चारण से मनोकामना पूरी करने के साथ रक्षा भी करता है यह महामंत्र

ट्रेंडिंग वीडियो