धर्म-कर्म

श्रीगणपति के अभिषेक से आती है सम्पन्नता और शुभता

प्रत्येक मास में दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को गणपति का विधिवत् पूजन करना जातक के लिए समृद्धिकारक होता है

Jan 26, 2016 / 03:56 pm

सुनील शर्मा

ganpati bappa mourya

सभी देवों में प्रथम देव श्रीगणपति का बुधवार को गाय के दूध व दही से बने पंचामृत से अभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिष में चतुर्थी तिथि के अधिष्ठातृ-देवता-स्वामी गौरीपुत्र भगवान् गणपति स्वयं ही हैं, अत: प्रत्येक मास में दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को गणपति का विधिवत् पूजन करने से पुरु षों को अमोघ सिद्धि व स्त्रियों को लिए पति की लंबी आयु की प्राप्ति होती है।

पुराकाल में सिंदुरासुर नामक दैत्य को मारकर विजय प्राप्त करने के लिए गणेशजी को सिंदूर चढ़ाया जाता है। गणपति को सिंदूर चढ़ाने से सुख-समृद्धि व संतान की प्राप्ति होती है। जिनकी जन्मपत्री में बुध ग्रह लग्नाधिपति हो या बुध की महादशा चल रही हो, उन्हें गणपति का बुधवार को अभिषेक व “गं गणपतये नम:” मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए तथा सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्ण, लंबोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन-इन बारह नामों का उच्चारण करके ही घर से बाहर निकलना चाहिए।

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