गणेश मंत्र (Ganesh mantra)
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। कोई भी पूजा इनकी पूजा के बाद ही शुरू होती है। गणपति कलियुग में शीघ्र प्रसन्न होकर लोगों के दुख दूर करने वाले देवता माने जाते हैं। भगवान गणेश की पूजा के लिए बुधवार का दिन उत्तम माना जाता है। आइये जानते हैं गणेशजी के शक्तिशाली मंत्रों के बारे में …
गणपति के सरल मंत्र (Ganpati Easy Mantra)
1. ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा
महात्म्यः यह मंत्र गणेश जी का सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है। इस मंत्र के जाप से मनुष्य की बाधाएं दूर हो जाती हैं और भक्तों को उनके सभी प्रयासों में सफलता मिलने लगती है। यह भी पढ़ेः ये हैं देश के 5 चमत्कारिक गणेश मंदिर, एक राजस्थान में भी है स्थित 2. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ: ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
महात्म्य: इस मंत्र का जप करने से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं। इसमें भगवान गणेश से सभी कार्यों को निर्विघ्न पूरा करने की प्रार्थना की गई है। इसे गणेश जी के सबसे शाक्तिशाली मंत्रो में से एक माना जाता हैं।
3. ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
महात्म्यः इस मंत्र में भगवान के एकदंत स्वरूप का ध्यान किया गया है। मान्यता है कि भगवान गणेश जी के इस मंत्र के जाप से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
4. ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
गणेश जी का यह मंत्र अपार लक्ष्मी देने वाला है। गणेशजी की पूजा करने के बाद गणेश कुबेर मंत्र का 11 दिन तक नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति को धन के नवीन स्त्रोत मिलना आरंभ होते हैं। मान्यता है कि इसके बाद से जीवन में खुशियां दस्तक देने लगती हैं। यह भी पढ़ेः 9 नवंबर को है गोपाष्टमी, जानें इस खास दिन पर गाय की पूजा करने का महत्व 5. इदं दुर्वादलं ओम गं गणपतये नमः
महात्म्यः भगवान गणेश को दूर्वा (घास) बहुत प्रिय है, यदि आप गणेशजी को दूर्वा चढ़ा रहे हैं तो इस मंत्र को जपना चाहिए। मान्यता है कि इससे गणेशजी प्रसन्न होते हैं।