वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। गणेश भगवान का जन्म मतलब गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही खास होता है। हर साल भाद्रपद मास में गणेश चतुर्थी को मनाई जाती है। इस साल 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi 2019 ) है। इस दिन भगवान गणेश का प्रकटोत्सव मनाया जाएगा।
कब होती है गणेश चतुर्थी भादो मास ( Bhado ) के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को होती है गणेश चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi ) दिन के मध्याह्र काल, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था भगवान गणेश का जन्म
मध्याह्र काल में ही भगवान गणेश की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है।
गणेश पूजा का शुभ मुहुर्त 2 सितंबर दिन सोमवार को गणेश चतुर्थी पूजन का शुभ मूहर्त दोपहर 11 बजकर 4 मिनट से 1 बजकर 37 मिनट तक
दो घंटे 32 मिनट तक रहेगा पूजा का शुभ मूहर्त
भगवान गणेश की पूजा करते समय इन चीजों को जरूर करें शामिल
दूर्वा: इसे आम बोलचाल की भाषा में दूब भी कहा जाता है। माना जाता है कि दूर्वा के बिना भगवान गणेश की पूजा पूरी नहीं होती। इसलिए गणपति पूजा करते समय पूजा की थाली में दूर्वा का होना जरूरी होता है।
मोदक: दूर्वा की तरह ही मोदक के बिना भी भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है। भगवान गणेश की पूजा या आरती के दौरान हमेशा मोदक का भोग लगाना चाहिए। मोदक गणपति का सबसे प्रिय भोग है। पूजा में गणेश जी को मोदक चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बेल का पत्ता: भगवान गणेश को अपने पिता भगवान शंकर की ही तरह बेल के पत्ते भी काफी प्रिय हैं। इसलिए उनकी पूजा के दौरान बेल के पत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है।