धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितृ पक्ष श्राद्ध पार्वण श्राद्ध होते हैं। इन श्राद्धों को कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त में करना चाहिए और हर सूरत में अपराह्न काल समाप्त होने तक पूरा कर लेना चाहिए। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।
एकादशी का श्राद्ध सर्वश्रेष्ठ दान
Ekadashi Shraddh Ka Mahatv: कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि श्राद्ध न किया जाए तो पितर गृहस्थ को दारुण शाप देकर पितृलोक लौट जाते है। मान्यता है कि एकादशी के दिन स्नान दान भी करना चाहिए, लेकिन एकादशी का श्राद्घ सर्वश्रेष्ठ दान है। वह समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त कराता है। उसके सम्पूर्ण पापकर्मों का विनाश कर देता है। इसके प्रभाव से श्राद्ध करने वाले को निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़ेंः Aaj Ka Rashifal 27 September: मकर राशि वालों की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार, आज का राशिफल में बाकी भी जानें अपना भविष्य
अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि प्रारम्भः 27 सितम्बर 2024 को दोपहर 01:20 बजे
अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि समाप्तः 28 सितम्बर 2024 को दोपह 02:49 बजे
एकादशी श्राद्धः शुक्रवार 27 सितंबर 2024 को
श्राद्ध का कुतुप मुहूर्तः सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:36 बजे तक
अवधिः 00 घण्टे 48 मिनट्स
एकादशी श्राद्ध का मुहूर्त (Ekadashi Shraddh Ka Muhurt)
अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि प्रारम्भः 27 सितम्बर 2024 को दोपहर 01:20 बजे
अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि समाप्तः 28 सितम्बर 2024 को दोपह 02:49 बजे
एकादशी श्राद्धः शुक्रवार 27 सितंबर 2024 को
श्राद्ध का कुतुप मुहूर्तः सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:36 बजे तक
अवधिः 00 घण्टे 48 मिनट्स
श्राद्ध के लिए रौहिण मुहूर्तः दोपहर 12:36 बजे से 01:24 बजे तक
अवधिः 00 घण्टे 48 मिनट्स
अपराह्न कालः दोपहर 01:24 बजे से 03:48 बजे तक
अवधिः 02 घण्टे 24 मिनट्स ये भी पढ़ेंः पालकी है नवरात्रि में माता रानी की सवारी, देश दुनिया को झेलना होगा भीषण परिणाम