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Ekadashi Shradh: ग्यारस के श्राद्ध से मिलता है ऐश्वर्य, इस मुहूर्त में करें श्राद्ध कर्म

Ekadashi Shradh Ka Mahatv : पितृ पक्ष में पितृ मुक्ति के लिए किए जाने वाले कर्म का विशेष महत्व है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से ऐश्वर्य मिलता है। आइये जानें ग्यारस श्राद्ध का महत्व और एकादशी श्राद्ध का मुहूर्त

जयपुरSep 27, 2024 / 10:32 am

Pravin Pandey

एकादशी श्राद्ध का महत्व

एकादशी श्राद्ध 2024

Ekadashi Shradh: पितृ पक्ष में एकादशी श्राद्ध परिवार के उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु एकादशी तिथि पर हुई हो। इस दिन शुक्ल पक्ष अथवा कृष्ण पक्ष दोनों ही पक्षों की एकादशी तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है। इसीलिए इसे एकादशी श्राद्ध और ग्यारस श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितृ पक्ष श्राद्ध पार्वण श्राद्ध होते हैं। इन श्राद्धों को कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त में करना चाहिए और हर सूरत में अपराह्न काल समाप्त होने तक पूरा कर लेना चाहिए। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।



एकादशी का श्राद्ध सर्वश्रेष्ठ दान

Ekadashi Shraddh Ka Mahatv: कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि श्राद्ध न किया जाए तो पितर गृहस्थ को दारुण शाप देकर पितृलोक लौट जाते है। मान्यता है कि एकादशी के दिन स्नान दान भी करना चाहिए, लेकिन एकादशी का श्राद्घ सर्वश्रेष्ठ दान है। वह समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त कराता है। उसके सम्पूर्ण पापकर्मों का विनाश कर देता है। इसके प्रभाव से श्राद्ध करने वाले को निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

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एकादशी श्राद्ध का मुहूर्त (Ekadashi Shraddh Ka Muhurt)


अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि प्रारम्भः 27 सितम्बर 2024 को दोपहर 01:20 बजे
अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि समाप्तः 28 सितम्बर 2024 को दोपह 02:49 बजे
एकादशी श्राद्धः शुक्रवार 27 सितंबर 2024 को

श्राद्ध का कुतुप मुहूर्तः सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:36 बजे तक
अवधिः 00 घण्टे 48 मिनट्स

श्राद्ध के लिए रौहिण मुहूर्तः दोपहर 12:36 बजे से 01:24 बजे तक
अवधिः 00 घण्टे 48 मिनट्स
अपराह्न कालः दोपहर 01:24 बजे से 03:48 बजे तक
अवधिः 02 घण्टे 24 मिनट्स

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