पंडित एसके पांडे के अनुसार सावन का पूरा महीना शिव परिवार की पूजा-अर्चना के लिए बेहद खास होता है। ऐसे में सोमवार के दिन भगवान शंकर, वहीं मंगलवार को माता पार्वती के मंगला गौरी स्वरूप और बुधवार को उनके पुत्र भगवान गणेश की पूजा का विधान है।
बुधवार को इसलिए होती है गणेश जी की पूजा…
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती की कृपा से जब बाल गणेश की उत्पत्ति हुई थी, तब उस समय भगवान शिव के धाम कैलाश में बुध देव उपस्थित थे।
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बुध देव की उपस्थिति के कारण श्रीगणेश जी की आराधना के लिए वह प्रतिनिधि वार हुए यानी बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा का विधान बन गया।
धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन के बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन विधि विधान से श्री गणेश की पूजा करने पर वे भक्तों के कष्टों को मिटाकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार भी सावन में शिव परिवार की स्तुति करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। ऐसे में जहां सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है, वहीं मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। इसके अलावा सावन के बुधवार को भगवान गणेश की पूजा की जाती है। चूंकि साप्ताहिक दिनों में बुधवार शिवपुत्र श्रीगणेश का प्रिय दिन है। अत: सावन के बुधवार का विशेष महत्व माना गया है।
सावन 2021 में कुल चार बुधवार…
पंडित एसके पांडे के अनुसार वर्ष 2021 में सावन के कुल 4 बुधवार क्रमश: 28 जुलाई,04 अगस्त,11 अगस्त व 18 अगस्त को पड़ रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार, सावन में यदि आप गणेशजी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय करते हैं तो वह जल्द ही प्रसन्न होते हैं और आपके सभी कष्टों को दूर करते हैं।
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सावन बुधवार को किस कार्य से होता है कौन सा फायदा…
: मान्यता के अनुसार सावन बुधवार के दिन गणेश चालीसा और गणेश स्त्रोत का 11 बार पाठ करें। नारद पुराण में बताया गया है कि इनका पाठ करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और अगर यह सावन में किया जाए तो यह विशेष फलदायी होता है। श्रीगणेश सुखकर्ता व दु:खहर्ता हैं, इसका पाठ करने से घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
: सावन के बुधवार को गाय को हरी घास खिलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में बुध दोष का प्रभाव कम हो जाता है और भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है। ऐसा हर सावन बुधवार को करते रहें। हरी खास खिलाने के बाद गाय माता को धन्यवाद कहें। शास्त्रों के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का निवास होता है। इससे जीवन में खुशहाली आने के साथ ही कॅरियर में भी ग्रोथ मिलती है।
: सावन बुधवार के दिन गणेश मंदिर जाकर सिंदूर जरूर अर्पित करें। आप हर रोज भी भगवान गणेश को सिंदूर चढ़ा सकते हैं। माना जाता है कि भगवान गणेश को सिंदूर लगाने से नकारात्मक शक्तियां घर-परिवार से दूर रहती हैं। साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच प्रेमभाव बना रहता है और नौकरी व व्यवसाय संबंधित समस्या दूर होती है।
: सावन बुधवार के दिन हरे रंग का एक साफ कपड़ा या रुमाल लें। इसमें पांच मुट्ठी साबुत हरी मूंग बांधकर पोटली की तरह बना लें। इसके बाद उस पोटली को सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद बहते जल में गणेश मंत्र का जप करते हुए प्रवाहित कर दें। माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक समस्या खत्म हो जाती है। साथ ही किसी भी तरह के कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।
श्री गणेश को प्रसन्न करने के उपाय : सावन में गणपति पूजन…
हिंदुओं में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देव माना गया है, इसके साथ ही हर शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा की जाती है। ऐसे में सावन के हर बुधवार के दिन गणेशजी को मूंग के लड्डु का भोग लगाएं और अगर मूंग के लड्डु संभव नहीं है तो आप गुड़ का भी भोग लगा सकते हैं।
ऐसा आप लगातार सात बुधवार यानि सावन के इस बार 4 बुधवार के बाद लगातार 3 और बुधवार तक करें। माना जाता है कि ऐसा करने से श्री गणेश जल्द प्रसन्न होते हैं और मनवांछित फल प्रदान करते हैं और बुध ग्रह का दोष भी खत्म होता है।
वहीं यह भी माना जाता है कि सावन में पड़ने वाले हर बुधवार के दिन सच्चे मन से भगवान गणेश की प्रतिमा को दूर्वा, अक्षत्, धूप, जल, पुष्प आदि अर्पित करें। उनको भोग में गुड़ और धनिया का भोग लगाएं। मोदक भगवान गणपति को प्रिय हैं, अत: उनको मोदक भी अर्पित करें। इसके बाद गणपति की आरती करें और प्रसाद का वितरण कर दें।
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सावन के बुधवार के दिन इन वस्तुओं का करें दान…
: वहीं पूजा के बाद आप अपने समार्थ्य के अनुसार, तांबे के बर्तन और मूंग की दाल गरीबों को दान करें।
जानकारों के अनुसार शास्त्रों में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है ,इसलिए सावन बुधवार के दिन भगवान गणेश को हरी दूर्वा अवश्य चढ़ाएं।
कहा जाता है कि पार्वती पुत्र को हरी दूर्वा चढ़ाने से वह भक्तों पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं साथ ही विघ्नहर्ता अपने भक्तों के सभी विघ्नों को दूर करते हैं।
(ध्यान रखें कि दूर्वा की 11 या 21 गांठ ही भगवान गणेश को चढ़ाएं।)