दीपावली का त्यौहार बस आने ही वाला है, इस साल 2018 में दीपावली पर्व 7 नवंबर बुधवार के दिन मनाई जायेगी । दीपावली से पहले धनतेरस की पूजा का विधान है, और इसी शुभ दिन से दीपावली के पहले औऱ बाद में मनाएं जाने वाले पांच त्यौहारों का शुभारंभ हो जाता है, जिसकी शुरुआत इसी धनतेरस पूजा से होती है, और इसके बाद छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाये जाते हैं, इसलिए दिवाली की इस पूजा धनतेरस का विशेष महत्व माना जाता हैं ।
धनतेरस की पूजा कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानी की दीपीवली से ठीक दो दिन पहले मनाई जाती है । धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन मतलब धन को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिन । इस दिन कारोबारी लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता के लिए विशेष पूजा करते हैं ।
धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त
1- 5 नवंबर को शाम 6 बजकर 5 मिनट से रात 8 बजकर 1 मिनट तक
2- प्रदोष काल- शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 7 बजे तक
3- वृषभ काल- शाम 6 बजकर 5 मिनट से रात 8 बजकर 1 मिनट तक
4- कुल समयावधि- 1 घंटा 55 मिनट तक
ऐसे करें धनतेरस की पूजा
1- धनतेरस के दिन पूजा में मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि जी की फोटो स्थापित करें ।
2- चांदी या तांबे की आचमनी में जल से पवित्रीकरण व आचमन करें ।
3- सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें ।
4- हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान और पूजन नीचे दिये मंत्र से करें ।
मंत्र-
।। देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि ।।