धनतेरस के दिन कुबेर एवं माता लक्ष्मीपूजन का विधिवत पूजन करने के तिजोरी के दरवाजे पर सिंदूर में घी मिलाकर स्वास्तिक- ऊँ कुबेराय नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए बनाने के बाद पंचोपचार पूजन (रोली, चावल, धूप, दीप व नैवेद्य से) करें । पूजन के बाद नीचे दिये मंत्र का उच्चारण करते हुए हाथ जोड़कर प्रार्थना करें-
ऊँ कुबेर त्वं धनाधीश गृहे ते कमला स्थिता ।
तां देवीं प्रेषयाशु त्वं मद्गृहे ते नमो नम: ।।
अर्थात- हे धनाधीश कुबेर तुम्हारे घर में राजश्री के रूप में कमला (लक्ष्मी) निवास करती हैं, मेरे द्वारा तुम्हारी पूजा से प्रसन्न होकर वही देवी मेरे घर में भी निवास करें ।
ऐसे जलायें 13 दीपक
धनतेरस के सूर्यास्त होने के तुरंत बाद आटे के 13 दीपक बनाकर उनमें घी डालकर लाल कलावा की बत्ती लगाकर जला लें । अब इस सभी दीपकों का सिंदूर लगाकर पूजन करें । पूजन के बाद सभी दीपकों को घर के मुख्य दरवाजे को दोनों तरफ 6 – 6 दीपक जलादें, एवं तेरवें दीपक को घर आंगन की तुलसी में जलादें । इस दिन ऐसा करने से धन कुबेर प्रसन्न होकर मनचाही सुख समृद्धि की कामना पूरी करते हैं ।
दीपक जलाने के बाद एक लाल थैली में पांच हल्दी की गांठें, साबुत धनिया, कमलगट्टा, अक्षत, दूर्वा और सिक्के रखकर थैली को तिजोरी में रख दें, एवं कुबेर देव को प्रसन्न करने के लिए इन दोनों प्रसिद्ध मंत्रों का जप 108 + 108 बार करें ।
1- ॐ वैश्रवणाय स्वाहा ।।
2- ॐ श्रीं, ऊँ ह्रीं श्रीं, ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम: ।।