कब है देव उठनी एकादशी (Kab Hai dev Uthani Ekadashi)
देव उठनी एकादशी तिथि प्रारंभः 11 नवंबर 2024 को शाम 06:46 बजे सेदेव उठनी एकादशी तिथि समापनः मंगलवार, 12 नवंबर 2024 को शाम 04:04 बजे
देवोत्थान एकादशीः मंगलवार 12 नवंबर 2024 को (उदया तिथि के अनुसार)
देव उठनी एकादशी पारण समय (व्रत तोड़ने का समय): बुधवार, 13 नवंबर सुबह 06:50 बजे से सुबह 09:02 बजे तक
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समयः दोपहर 01:01 बजे
ये भी पढ़ेंः देवउठनी एकादशी पर आजमाएं ये उपाय, पति लुटाने लगेगा आप पर प्यार, आर्थिक संकट से मिल जाएगी मुक्ति देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त
● सर्वार्थ सिद्धि योगः यह योग देव उठनी एकादशी (12 नवंबर) की सुबह 7 बजकर 52 बजे से लेकर अगले दिन 5 बजकर 40 बजे तक रहेगा।
● सर्वार्थ सिद्धि योगः यह योग देव उठनी एकादशी (12 नवंबर) की सुबह 7 बजकर 52 बजे से लेकर अगले दिन 5 बजकर 40 बजे तक रहेगा।
रवि योगः रवि योग सुबह के 6 बजकर 40 मिनट से लेकर अगले दिन की सुबह के 7 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
हर्षण योगः हर्षण योग एकादशी के दिन शाम के 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
शुभः यह योग भी देवउठनी ग्यारस पर बन रहा है।
अमृत योगः अमृत योग प्रबोधिनी एकादशी (देव उठनी एकादशी) पर अमृत योग 13 नवंबर को सुबह 05:40 बजे तक है।
सिद्धि योगः यह योग देव उठनी एकादशी पर 13 नवंबर की सुबह 5.40 बजे तक है।
हर्षण योगः हर्षण योग एकादशी के दिन शाम के 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
शुभः यह योग भी देवउठनी ग्यारस पर बन रहा है।
अमृत योगः अमृत योग प्रबोधिनी एकादशी (देव उठनी एकादशी) पर अमृत योग 13 नवंबर को सुबह 05:40 बजे तक है।
सिद्धि योगः यह योग देव उठनी एकादशी पर 13 नवंबर की सुबह 5.40 बजे तक है।
देवउठनी एकादशी स्तुति
उठो देव बैठो देव
हाथ-पांव फटकारो देव
अंगुलियां चटकाओ देव
सिंघाड़े का भोग लगाओ देव
गन्ने का भोग लगाओ देव
सब चीजों का भोग लगाओ देव ॥
उठो देव बैठो देव
उठो देव, बैठो देव
देव उठेंगे कातक मोस
नयी टोकरी, नयी कपास
जारे मूसे गोवल जा
गोवल जाके, दाब कटा
दाब कटाके, बोण बटा
बोण बटाके, खाट बुना
खाट बुनाके, दोवन दे
दोवन देके दरी बिछा
दरी बिछाके लोट लगा
लोट लगाके मोटों हो, झोटो हो
गोरी गाय, कपला गाय
जाको दूध, महापन होए,
सहापन होएI
जितनी अम्बर, तारिइयो
इतनी या घर गावनियो
जितने जंगल सीख सलाई
इतनी या घर बहुअन आई
जितने जंगल हीसा रोड़े
जितने जंगल झाऊ झुंड
इतने याघर जन्मो पूत
ओले कोले, धरे चपेटा
ओले कोले, धरे अनार
ओले कोले, धरे मंजीरा
उठो देव बैठो देव