1- कार्तिक मास की अमावस्या तिथि रात में 9 बजकर 32 मिनट तक रहेगी और 9 बजकर 32 के बाद प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाएगी ।
2- स्वाति नक्षत्र रात्रि में 7 बजकर 37 मिनट तक रहेगा और उसके बाद विशाखा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा ।
3- आयुष्मान योग – दीपावली के दिन आयुष्मान योग शाम 5 बजकर 57 तक रहेगा और उसके बाद सौभाग्य योग प्रारंभ हो जाएगा । इस समय लक्ष्मी पूजन शुभ माना जाता हैं ।
4- अभिजीत मुहूर्त – इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 19 मिनट से 12 बजकर 3 मिनट तक रहेगा ।
5- महानिशीथकाल रात्रि में 11बजकर 14 मिनट से 12 बजकर 6 मिनट तक रहेगा ।
6- दीपावली के दिन स्थिर लग्न में पूजा करना शुभ होता है ।
7- स्थिर लग्न में माँ लक्ष्मी का पूजन करने से लक्ष्मी माँ सदैव के लिए घर में विराजमान हो जाती है ।
8- दिवाली के दिन पहला स्थिर लग्न “वृश्चिक” शाम को 6 बजकर 56 मिनट से रात 9 बजकर 13 मिनट तक होगा । इस लग्न से ग्रहों की स्थिति विशेष प्रभावी नहीं है ।
9- दूसरे भाव में शनि, चतुर्थ में मंगल, नवम में राहु और द्वादश भाव में सूर्य चंद्र की स्थिति पूज्य है ।
10- लग्न में बुध-गुरु, तीसरे में केतु, बारहवें भाव में स्वगृही शुक्र शुभ है । इस लग्नावधि में लाभ की चौघड़िया 7 बजकर 35 मिनट तक रहेगी, और उसके बाद 8 बजकर 57 मिनट तक अमृत की चौघड़िया मिलेगी । चंद्रमा का होरा काल भी मिलेगा ।
11- इन सभी की समन्वित शुभ बेला में महालक्ष्मी, व्यवसायिक सफलता के लिए बही खाता पूजन, नए काम काज, व्यापार, और उद्योग की स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त अति शुभ है ।
12- दिवाली पर शुभ लग्न और चौघड़िया – द्विस्वभाव लग्न- धनु 9 बजकर 13 मिनट से 11 बजकर 18 मिनट तक रहेगा । इस लग्न में दूसरे भाव में मंगल, अष्टम में राहु, लाभ स्थान में स्वग्रही शुक्र के साथ सूर्य-चंद्र की स्थिति शुभ है । लग्न में शनि, बारहवे में बुध के साथ लग्नेश गुरु की स्थिति पूजन के लिए उपयुक्त है । शुभ की चौघड़िया 10 बजकर 19 मिनट से 11 बजकर 41 बजे तक रहेगी ।
13- स्थिर लग्न कुंभ – दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से 2 बजकर 35 मिनट तक रहेगा । लग्न में मंगल, शत्रुभाव में राहु, भाग्यभाव सूर्य-चंद्र-शुक्र और व्यापार भाव में गुरु की स्थिति लाभकारी है । शनि की दृष्टि लग्न पर पड़ रही है जो शुभ है । लाभ स्थान में शनि लाभकारी है । बुध के होरा काल के समन्वित बेला में गणेश-लक्ष्मी-इंद्र कुबेर का पूजन करना, खाता पूजन करना शुभ रहेगा ।
15- द्विस्वभाव लग्न मीन- दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से 4 बजकर 3 मिनट तक रहेगा ।
16- प्रदोष काल बेला में मुहूर्त करने वालों के लिए लाभ और अमृत की चौघड़िया 3 बजकर 48 मिनट से शाम 6 बजकर 48 मिनट तक श्रीगणेश एवं महालक्ष्मी पूजन करना अत्यधिक शुभ होगा ।
17- इस साल स्थिर लग्न वृष से ग्रहों की स्थिति शुभ नहीं है । शुभ की चौघड़िया रात 8 बजकर 26 मिनट से 10 बजकर 4 मिनट तक रहेगी । इस लग्न से पांचवे भाव में सूर्य-चंद्र-शुक्र, आठवें भाव में केतु, भाग्यस्थान में मंगल की स्थिति शुभ है । शनि की दृष्टि भी लाभ भाव में पड़ रही है । महानिशीथ काल रात 11 बजकर 14 बजे से 12 बजकर 6 तक रहेगा । सिद्ध मुहूर्त में लग्न शुद्धि विचार करने की आवश्यकता नहीं होती, इस मुहूर्त में पूजन शुभ रहेगा और साल भर लक्ष्मी की प्राप्ति होती रहेगी ।