धर्म ग्रंथों की मानें तो अनेकों उपासकों ने इनकी कृपा प्राप्त करके इनके दर्शन भी किए हैं। यह महाविद्यायें अपने हृदय में इतनी ममता रखती हैं कि साधक की लगन और श्रद्धानुसार स्वयं के प्रभाव शीघ्र व्यक्त कर देती हैं जिससे ही व्यक्ति को आनंद के साथ भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुल मिलाकर दस महाविद्या की आराधना से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। षट्कर्मो की सिद्धि और मनोकामना पूर्ति होती है।