छठ पूजा का आरंभ कार्तिक मास के शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होता है, एवं शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को इसका समापन्न होता है ।
1- छठ पूजा का पहला दिन- 11 नवंबर 2018 दिन रविवार- चतुर्थी तिथि
– नहाय खाये दिवस- सुबह 6 बजकर 44 मिनट पर सूर्योदय एवं शाम को 6 बजकर 1 मिनट पर सूर्यास्त ।
2- छठ पूजा का दूसरा दिन- 12 नवंबर 2018 दिन सोमवार- पंचमी तिथि
– लोहंडा और खारना के रूप में बनाया जाता है । इस दिन सूर्योउदय से सूर्यास्त तक निर्जला उपवास रखा जाता है । सूर्य भगवान को भोजन देने के बाद सूर्यास्त के बाद उपवास खोला जाता हैं ।
– सुबह 6 बजकर 44 मिनट पर सूर्योदय एवं शाम को 6 बजकर 1 मिनट पर सूर्यास्त ।
3- छठ पूजा का तीसरा दिन- 13 नवंबर 2018 दिन मंगलवार- षष्ठी तिथि ।
– छठ पूजा के तीसरे मुख्य दिन के रूप में बिना पानी के उपवास रखा जाता है । सूर्य की स्थापना सूर्य को दिन का मुख्य अनुष्ठान प्रदान करते है और तीसरे दिन का उपवास पूरी रात जारी रहता है । सूर्योदय के बाद अगले दिन पूजा की जाती है ।
– सुबह 6 बजकर 44 मिनट पर सूर्योदय एवं शाम को 6 बजकर 1 मिनट पर सूर्यास्त ।
4- छठ पूजा का चौथा दिन- 14 नवंबर 2018 सप्तमी तिथि
– छठ के चौथे और अंतिम दिन, उगते हुये सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है । सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे से चल रहे लंबे उपवास को तोड़ा जाता हैं ।
– उषा अर्घ्य पराना दिवस- सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर सूर्योदय एवं शाम को 6 बजे पर सूर्यास्त ।
छठ पूजा
छठ पूजा चार दिनों का अत्यंत कठिन और महत्वपूर्ण महापर्व होता है. इसका आरंभ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता है और समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है इस लम्बे अंतराल में व्रतधारी पानी भी ग्रहण नहीं करता । बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में छठ पर्व पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाया जाता है । छठ पर्व में लोग फल, गन्ना, डाली और सूप आदि का प्रयोग करते हैं ।