bell-icon-header
धर्म-कर्म

हर रूके कार्य हो जाएंगे पूरे, नवरात्रि में पढ़ लें देवी का यह स्त्रोत

Chaitra navratri : देवी स्त्रोत पाठ के लाभ

Mar 26, 2020 / 01:01 pm

Shyam

हर रूके कार्य हो जाएंगे पूरे, नवरात्रि में पढ़ लें देवी का यह स्त्रोत

नवरात्रि के दिनों में माता दुर्गा के इस स्त्रोत का विधिवत पूजन के बाद पाठ करने से एक दो नहीं अनेक रूके हुए कार्य पूरे होने लगेंगे। इस स्त्रोंत का पाठ नवरात्रि में सुबह-शाम करने का विधान है। इसका पाठ करते समय गाय के घी का दीपक जलाकर रखना चाहिए और माँ दुर्गा के सामने एक गिलास गाय की दूध मिश्री मिले हुए का भोग लगाना चाहिए। स्त्रोंत का पाठ पूरा होने के बाद भोग लगे दूध को प्रसाद रूप में सबको बांट दें।

1- नमो देव्यै प्रकृत्यै च विधात्र्यै सततं नम:।

कल्याण्यै कामदायै च वृद्धयै सिद्धयै नमो नम:।।

2- सच्चिदानन्दरूपिण्यै संसारारणयै नम:।

पंचकृत्यविधात्र्यै ते भुवनेश्यै नमो नम:।।

3- सर्वाधिष्ठानरूपायै कूटस्थायै नमो नम:।

अर्धमात्रार्थभूतायै हृल्लेखायै नमो नम:।।

4- ज्ञातं मयाsखिलमिदं त्वयि सन्निविष्टं।

त्वत्तोsस्य सम्भवलयावपि मातरद्य।

शक्तिश्च तेsस्य करणे विततप्रभावा।

ज्ञाताsधुना सकललोकमयीति नूनम्।।

माँ दुर्गा के सिद्ध तांत्रिक मंत्र बदल देंगे जपने वालों का भाग्य

5- विस्तार्य सर्वमखिलं सदसद्विकारं।

सन्दर्शयस्यविकलं पुरुषाय काले।।

तत्त्वैश्च षोडशभिरेव च सप्तभिश्च।

भासीन्द्रजालमिव न: किल रंजनाय।।

6- न त्वामृते किमपि वस्तुगतं विभाति।

व्याप्यैव सर्वमखिलं त्वमवस्थिताsसि।

शक्तिं विना व्यवहृतो पुरुषोsप्यशक्तो।

बम्भण्यते जननि बुद्धिमता जनेन।।

7- प्रीणासि विश्वमखिलं सततं प्रभावै:।

स्वैस्तेजसा च सकलं प्रकटीकरोषि।

अस्त्येव देवि तरसा किल कल्पकाले।

को वेद देवि चरितं तव वैभवस्य।।

8- त्राता वयं जननि ते मधुकैटभाभ्यां।

लोकाश्च ते सुवितता: खलु दर्शिता वै।

नीता: सुखस्य भवने परमां च कोटि।

यद्दर्शनं तव भवानि महाप्रभावम्।।

हर रूके कार्य हो जाएंगे पूरे, नवरात्रि में पढ़ लें देवी का यह स्त्रोत

9- नाहं भवो न च विरिण्चि विवेद मात:।

कोsन्यो हि वेत्ति चरितं तव दुर्विभाव्यम्।

कानीह सन्ति भुवनानि महाप्रभावे।

ह्यस्मिन्भवानि रचिते रचनाकलापे।।

10- अस्माभिरत्र भुवे हरिरन्य एव।

दृष्ट: शिव: कमलज: प्रथितप्रभाव:।

अन्येषु देवि भुवनेषु न सन्ति किं ते।

किं विद्य देवि विततं तव सुप्रभावम्।।

11- याचेsम्ब तेsड़्घ्रिकमलं प्रणिपत्य कामं।

चित्ते सदा वसतु रूपमिदं तवैतत्।

नामापि वक्त्रकुहरे सततं तवैव।

संदर्शनं तव पदाम्बुजयो: सदैव।।

12- भृत्योsयमस्ति सततं मयि भावनीयं।

त्वां स्वामिनीति मनसा ननु चिन्तयामि।

एषाssवयोरविरता किल देवि भूया-।

द्वयाप्ति: सदैव जननीसुतयोरिवार्ये।।

निर्धनों को धन, निःसंतानों संतान, इस नवरात्रि सबकी इच्छा पूरी करेंगी माँ दुर्गा

13- त्वं वेत्सि सर्वमखिलं भुवनप्रपंचं।

सर्वज्ञता परिसमाप्तिनितान्तभूमि:।

किं पामरेण जगदम्ब निवेदनीयं।

यद्युक्तमाचर भवानि तवेंगितं स्यात्।।

14- ब्रह्मा सृजत्यवति विष्णुरुमापतिश्च।

संहारकारक इयं तु जने प्रसिद्धि:।

किं सत्यमेतदपि देवि तवेच्छया वै।

कर्तुं क्षमा वयमजे तव शक्तियुक्ता:।।

15 धात्री धराधरसुते न जगद् बिभर्ति।

आधारशक्तिरखिलं तव वै बिभर्ति।

सूर्योsपि भाति वरदे प्रभया युतस्ते।

त्वं सर्वमेतदखिलं विरजा विभासि।।

हर रूके कार्य हो जाएंगे पूरे, नवरात्रि में पढ़ लें देवी का यह स्त्रोत

16- ब्रह्माsहमीश्वरवर: किल ते प्रभावा-।

त्सर्वे वयं जनियुता न यदा तु नित्या:।

केsन्ये सुरा: शतमखप्रमुखाश्च नित्या।

नित्या त्वमेव जननी प्रकृति: पुराणा।।

17- त्वं चेद्भवानि दयसे पुरुषं पुराणं।

जानेsहमद्य तव सन्निधिग: सदैव।

नोचेदहं विभुरनादिरनीह ईशो।

विश्वात्मधीरति तम:प्रक्रति: सदैव।।

18- विद्या त्वमेव ननु बुद्धिमतां नराणां।

शक्तिस्त्वमेव किल शक्तिमतां सदैव।

त्वं कीर्तिकान्तिकमलामलतुष्टिरूपा।

मुक्तिप्रदा विरतिरेव मनुष्यलोके।

19- गायत्र्यसि प्रथमवेदकला त्वमेव।

स्वाहा स्वधा भगवती सगुणार्धमात्रा।

आम्नाय एव विहितो निगमो भवत्या।

संजीवनाय सततं सुरपूर्वजानाम्।।

नवरात्रि के नौ दिन कामना पूर्ति के लिए ऐसे करें श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ

20- मोक्षार्थमेव रचयस्यखिलं प्रपंचं।

तेषां गता: खलु यतो ननु जीवभाम्।

अंशा अनादिनिधनस्य किलानघस्य।

पूर्णार्णवस्य वितता हि यथा तरंगा:।।

21- जीवो यदा तु परिवेत्ति तवैव कृत्यं।

त्वं संहरस्यखिलमेतदिति प्रसिद्धम्।

नाट्यं नटेन रचितं वितथेsन्तरंगे।

कार्ये कृते विरमसे प्रथितप्रभावा।।

22- त्राता त्वमेव मम मोहमयाद्भवाब्धे-।

स्त्वामम्बिके सततमेमि महार्तिदे च।

रागादिभिर्विरचिते वितथे किलान्ते।

मामेव पाहि बहुदु:खकरे च काले।।

23- नमो देवि महाविद्ये नमामि चरणौ तव।

सदा ज्ञानप्रकाशं मे देहि सर्वार्थदे शिवे।।

।। इति श्रीमद्देवीभागवते महापुराणे तृतीयस्कन्धे विष्णुना कृतं देवीस्तोत्रं ।।

*************

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / हर रूके कार्य हो जाएंगे पूरे, नवरात्रि में पढ़ लें देवी का यह स्त्रोत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.