चैत्र नवरात्रि में जो भी माता के भक्तों ने व्रत रखा है, क्या उपवास में ऐसे आहार का प्रयोग कर रहे हैं या नहीं, अगर नहीं तो जानें व्रत में व्रती को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। कहा जाता है सुपाच्य आहार हमारी जठराग्नि को शांत करता है, इसलिए इस व्रत में कूटू की रोटी, उपवास के चावल (शामक चावल), उपवास चावल से डोसा, साबूदाना से बनाया व्यंजन, सिंघाड़ा का आटा, राजगीरा, रतालू, अरबी, उबले हुए मीठे आलू (शक्कर कंद) से बने व्यंजन, आदि का उपयोग करें। नवरात्रि व्रत में साधारण नमक के बदले सेंधा नमक की प्रयोग करें। वहीं मक्खन (घी), दूध और छाछ का हमारे शरीर पर शीतल प्रभाव पड़ता है इसलिए इनका प्रयोग न करें।
इसके अलावा इन तरल पदार्थों- नारियल पानी, जूस, सब्जियों के सूप एवं पपीता, नाशपाती और सेब के साथ बनाया गया फलों का सलाद आदि का सेवन करने से शरीर के अंदर के अनेक विषाक्त पदार्थ मल द्वार बाहर निकल जाते हैं। नवरात्रि व्रत में तले हुए और भारी भोज्य पदार्थ, लहसून, प्याज आदि से भी दूर ही रहे, साथ ही शराब और मांसाहार का सेवन तो भूलकर भी न करें।