विवाह रेखाः यह रेखा छोटी अंगुली के नीचे समानांतर पाई जाती है। माना जाता है यह रेखा जितनी साफ होगी, वैवाहिक जीवन उतना अच्छा होगा। यह रेखा ऊपर या नीचे की ओर जाती नजर आती है तो अच्छा नहीं माना जाता है। इस रेखा में गैप या कट जैसे निशान विवाह विच्छेद के लक्षण माने जाते हैं।
प्रेम रेखाः चंद्रमा या शुक्र पर्वत पर छोटी रेखाओं का होना व्यक्ति के प्रेम का इशारा करता है। ये रेखा गुलाबी हो तो प्रेम संबंध की शुरुआत होना माना जाता है। यदि हथेली में शुक्र उभरा हो तो प्रेम विवाह का योग माना जाता है। अगर दोनों पर्वत पर जाल जैसा चिन्ह हो तो माना जाता है प्रेम विवाह में सफलता नहीं मिलेगी।
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संतान रेखाः विवाह रेखा के ऊपर और शुक्र पर्वत की जड़ में संतान रेखा और इनकी स्थितियां होती हैं। यहां पाए जाने वाले क्रास, तिल, शाखा आदि संतानोत्पत्ति में बाधा का इशारा करते हैं। बृहस्पति मजबूत हो तो इस रेखा को मदद मिलती है।
संतान रेखाः विवाह रेखा के ऊपर और शुक्र पर्वत की जड़ में संतान रेखा और इनकी स्थितियां होती हैं। यहां पाए जाने वाले क्रास, तिल, शाखा आदि संतानोत्पत्ति में बाधा का इशारा करते हैं। बृहस्पति मजबूत हो तो इस रेखा को मदद मिलती है।
रोजगार रेखाः शनि पर्वत पर पाई जाने वाली रेखा और हाथ में ऊपर उठने वाली रेखा रोजगार का क्षेत्र निर्धारित करती है। पर्वतों का उभार कम होना, हाथ की रंगत कम होना आदि रोजगार में समस्या का लक्षण बताती है।
धन की रेखाः ज्योतिष मान्यता है कि धन के लिए हथेली के कुछ चिन्ह इशारा करते हैं। बृहस्पति पर्वत पर सीधी रेखा का होना, सूर्य पर्वत पर दोहरी रेखा का होना, हाथ में त्रिभुज का होना बताता है कि व्यक्ति भविष्य में धनवान बनेगा।
यदि हाथ का रंग साफ और गुलाबी हो तो भी उसके पास धन होने का लक्षण है। इसके अलावा हथेली का रंग दबा हो या कालिमा लिए हो तो धन संबंधी समस्या का लक्षण है।