बुधवार का दिन गौरी नंदन देवों में प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश जी की विशेष पूजा आराधना का दिन माना जाता हैं, श्री गणेश जी ने अपनी दिव्य शक्ति के बल पर सैकड़ों असुरों का नाश किया हैं जिन कारण उन्हों विघ्नहर्ता भी कहा जाता है । इसलिए जो कोई भी गणेश जी की शरण में जाता है उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं । अगर बुधवार के दिन जो कोई भी नीचे दिये गये 8 मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र जप गणेश मंदिर या घर के पूजा स्थल में लाल रंग के आसन पर बैठकर करता हैं श्री गणेश कृपा से छप्पर फाड़ के धन वर्षा होती हैं ।
बुधवार के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच 108 या 1000 की संख्या में जप करने श्री गणेश जी की भरपूर कृपा मिलती हैं । जब इन मंत्रों का जप करें उस समय शांत चित होकर बैठे गणेश जी के सामने गाये के घी का दीपक जरूर जलायें । जप से पूर्व भगवान प्रथम पूजनीय गणेश जी का षोडशोपचार विधि से पूजन अवश्य करें । भोग के रूप में गणेश जी को मोदक एवं पीले रंग के फलों का भी भोग भी लगायें ।
1- वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ: ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ॥
2- नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं ।
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च ॥
3- एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं ।
विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम् ॥
4- विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं ।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥
5- द्वविमौ ग्रसते भूमिः सर्पो बिलशयानिवं ।
राजानं चाविरोद्धारं ब्राह्मणं चाप्रवासिनम् ॥
6- गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं ।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
7- रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं ।
भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात् ॥
8- केयूरिणं हारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानिं ।
सृणिं वहन्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम् ॥