धर्म-कर्म

Budh Pradosh Vrat: 17 मई को बुध प्रदोष व्रत, इस दिन भूलकर भी न करें ये काम

ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत यानी कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 17 मई बुधवार को पड़ रही है। बुधवार को प्रदोष काल में इस व्रत की पूजा (Budh Pradosh Vrat Puja) होने से यह व्रत बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस दिन शिव परिवार यानी भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में शिव परिवार की पूजा से हर तरह के संकट दूर होते हैं।

May 13, 2023 / 09:03 pm

Pravin Pandey

सावन में मंगला गौरी व्रत पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इस समय प्रथम पूज्य गणेश की पूजा करनी चाहिए।

कब है ज्येष्ठ माह का प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार मई माह का दूसरा और ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत 17 मई को पड़ रहा है। ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की पहली त्रयोदशी जिसे प्रदोष भी कहते हैं बुधवार को पड़ेगा। इस तिथि की शुरुआत 16 मई रात 11.36 बजे से हो रही है, और यह तिथि 17 मई रात 10.28 बजे संपन्न होगी। चूंकि इस दिन प्रदोष काल में पूजा होती है और बुधवार 16 मई को प्रदोष काल (सूर्योदय से 45 मिनट पहले और 45 मिनट के बाद) के बाद त्रयोदशी लग रही है, इसलिए व्रत 17 मई को रखा जाएगा।
प्रदोष पूजा से घर में आती है सुख समृद्धि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव, माता पार्वती, उनके पुत्र गणेश और कार्तिकेय का पूजन किया जाता है। इस पूजा से अनेक शुभ फल प्राप्त होते हैं, घर में सुख समृद्धि आती है। यह व्रत रखने वाली महिलाओं का सुहाग अखंड रहता है।
ऐसे करें प्रदोष व्रत की पूजा (Pradosh Vrat Puja Vidhi)
1. प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान से निवृत्त हों और घर और मंदिर की साफ-सफाई करें।
2. इसके बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं, गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें।
3. भगवान भोलेनाथ को पुष्प बेलपत्र धतूरा अर्पित करें, और उनकी आराधना करें।

4. गणेशजी और माता पार्वती, कार्तिकेय की भी पूजा करें।
5. भगवान शिव को भोग लगाएं और उनकी आरती करें।
3. फिर दिनभर व्रत रखें रखें और शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव, माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें।
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बुध प्रदोष के दिन करें यह काम मजबूत हो जाएंगे बुध (Budh Pradosh Upay)

1. बुध प्रदोष के दिन कुछ सरल उपाय से कुंडली में बुध ग्रह भी मजबूत कर सकते हैं। इस दिन ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः मंत्र का जाप बुध ग्रह को कुंडली में मजबूत बनाता है।
2. इस दिन बुध ग्रह से जुड़ी वस्तुओं के दान से भी बुध ग्रह मजबूत होते हैं। इस दिन छिलके वाली दाल के दान से भगवान शिव की भी कृपा प्राप्त होती है।
यह काम न करें
1. प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी झगड़ा या किसी से विवाद न करें।
2. व्रत कर रहे लोगों को दूसरों के लिए बुरी भावना मन में नहीं लानी चाहिए।
3. लहसुन प्याज, मांस मदिरा जैसे तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
4. प्रदोष व्रत के दिन दिन में न सोएं और ज्यादा से ज्यादा समय भगवान शिव के ध्यान में लगाएं।

5. प्रदोष व्रत कर रहे लोगों को चोरी, झूठ और हिंसा से दूर रहना चाहिए।
6. महिलाओं को प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग को नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से माता पार्वती नाराज हो सकती हैं।
7. भगवान शिव को तुलसी को पत्तियां, केतकी के फूल, कुमकुम, नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
8. प्रदोष व्रत के दिन काले कपड़े की जगह पीले कपड़े पहनना चाहिए।

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