ज्योतिषियों के अनुसार यह दिन रूठे भूतड़ी अमावस्या के दिन रूठे पितरों को मनाना चाहिए। इस दिन श्राद्ध और तर्पण से उनको प्रसन्न कर शांत किया जा सकता है। पितरों को मोक्ष की प्राप्ति और सद्गति के लिए अमावस्या का व्रत रखना चाहिए। इस व्रत से व्रतधारी को अमोघ फल भी मिलता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा भी रक्षक होती है।
भूतड़ी अमावस्या पर पितरों की प्रसन्नता के लिए दान-पुण्य करना चाहिए, इस दिन अन्न, गौ, स्वर्ण और वस्त्र दान करना चाहिए।
गंगा नदी, जलाशय कुंड में स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करें। साथ में पूर्वजों के नाम पर कपड़े, चप्पल, मिठाई दान करना चाहिए।
पितरों के श्राद्ध के बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराएं।
पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत जरूर रखना चाहिए।
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और शनि देव को नीले पुष्प, काले तिल और सरसों का तेल चढ़ाएं।
1. विष्णु कवच का 108 बार पाठ करना चाहिए।
2. देवी कवच का भी 108 बार पाठ करें।
3. भूतड़ी अमावस्या के दिन दान पुण्य करें।
4. गरुण पुराण का भी पाठ करना लाभदायक होता है।
5. भगवान शिव की पूजा सभी नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करेगी।