इससे करे शिवजी का अभिषेक
कहा जाता है कि भगवान शिव को सबसे अधिक केवल जल ही प्रिय होता हैं, और जो कोई भी सच्ची श्रद्धा व समर्पण के साथ अपनी इच्छा पूर्ति के लिए किसी भी प्राचीन शिवायल में जाकर मुख्य शिवलिंग के अलावा वहां ऐसा शिवलिंग देखे जिसकी पूजा बहुत कम होती हो या होती ही नहीं हो । सबसे पहले उस शिवलिंग को अच्छी तरह शुद्ध जल से धोकर साफ कर लें । अब महामृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् । इस मंत्र का 108 बार उच्चारण करते हुये उसी प्राचीन शिवलिंग का गंगाजल मिले शुद्ध जल से लगातार धार बनाते हुए अभिषेक करें । ध्यान रखे जप यह प्रयोग करें कोई आपको रोके टोके या बात भी करने की कोशिश करे तो आपको जवाब नहीं देना है, सिर्फ अपना काम करना हैं ।
जब जलाभिषेक पूरा हो जाये तो ॐ नमः शिवाय का 21 बार उचारण करते हुये गाय के दुध से भी अभिषेक करें । अभिषेक पूरा होने पर एक गरीब कन्या या किसी भूखे को भोजन अवश्य करावें । जिस सोमवार को यह प्रयोग किया गया है, उसके अगले यानी की आने वाले सोमवार तक प्रयोगकर्ता स्वयं देखेंगे कि बरोजगारी से मुक्ति के स्थाई रास्ते मिलने लगेंगे एवं जिनको व्यापार में घाटा हो रहा हो उनकों भी मुनाफा होने लगेगा ।