– बड़े मंगल के दिन नमक, मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
– किसी को भी उधार देने से बचें।
– बड़े मंगल के दिन किसी के लिए भी मन में बुरे भाव, अपशब्द या aअपमान की भावना नहीं होनी चाहिए।
– इस दिन क्रोध से बचना चाहिए।
– लाल रंग हनुमान जी को अतिप्रिय है। ऐसे में इस दिन सफेद या काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिएं।
-हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना जाता है। इसलिए महिलाओं को हनुमान जी को छूना नहीं चाहिए।
– न तो महिलाएं उन्हें तिलक लगाए और न ही वस्त्र अर्पित करें।
– चाहें तो हनुमान जी के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर सकती हैं।
– बड़े मंगल के दिन उत्तर दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यह भी अशुभ माना जाता है।
– पश्चिम दिशा में भी यात्रा न करें। यदि जाना जरूरी है, तो गुड़ खाएं फिर जाएं।
ज्येष्ठ महीने में क्यों मनाया जाता है बड़ा मंगल
सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ के महीने में मंगलवार को भगवान हनुमान पहली बार भगवान राम से मिले थे। तब से माना जाता है कि इस महीने के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। इसलिए इस महीने के मंगल के दिन मंदिरों में कीर्तन आयोजित किए जाते हैं, एक धार्मिक भोज (भंडारा) आयोजित किया जाता है और लोगों को पानी चढ़ाया जाता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बड़ा मंगल बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। माना यह भी जाता है कि बड़ा मंगल मनाने की परम्परा उत्तर प्रदेश से ही शुरू हुई थी।
जानें बड़ा मंगल का महत्व
बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान हनुमान जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बड़ा मंगल पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत कई मंदिरों में भी भंडारे का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि मान्यता है कि जो भक्त इस महीने के मंगलवार का व्रत और हनुमान जी की पूजा करते हैं, उनके सभी संकट दूर हो जाते हैं। इस दिन पूजा-पाठ करने से नेगेटिविटी आपसे कोसों दूर रहती है और आपके जीवन में खुशहाली आती है।
– बड़ा मंगल के महापर्व पर हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के लिए व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान आदि करना चाहिए।
– अब विधि-विधान से व्रत का संकल्प लें।
– संकल्प लेने के बाद घर के ईशान कोण में चौकी में हनुमान जी का चित्र रखें और उसकी पूजा-अर्चना करें।
– यदि ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो किसी हनुमान मंदिर में जाकर आपको पूजा-पाठ करना चाहिए।
– पूजा के दौरान हनुमान जी को लाल रंग का फूल, लाल रंग के वस्त्र, लाल रंग के फल, बूंदी, सिंदूर, चोला आदि चढ़ाना चाहिए।
– यदि आपने व्रत किसी मनोकामना के लिए रखा है, तो पूजा-पाठ के बाद हनुमान चालीसा का सात बार पाठ जरूर करना चाहिए।
– इसके बाद सबसे अंत में हनुमान जी की आरती से पूजा सम्पन्न करनी चाहिए।
– आरती के बाद हनुमान जी को चढ़ाया गया प्रसाद खुद भी ग्रहण करें और जितने ज्यादा लोगों को बांट सकते हैं बांटें।