scriptअशोक चक्र की 24 तीलियाँ ऐसे सिखाती चहुमुखी विकास और कर्तव्य का पाठ- पढ़े पूरी ख़बर | ashok chakra history in hindi | Patrika News
धर्म-कर्म

अशोक चक्र की 24 तीलियाँ ऐसे सिखाती चहुमुखी विकास और कर्तव्य का पाठ- पढ़े पूरी ख़बर

अशोक चक्र की 24 तीलियाँ ऐसे सिखाती चहुमुखी विकास और कर्तव्य का पाठ- पढ़े पूरी ख़बर

Jan 26, 2019 / 02:37 pm

Shyam

ashok chakra

अशोक चक्र की 24 तीलियाँ ऐसे सिखाती चहुमुखी विकास और कर्तव्य का पाठ- पढ़े पूरी ख़बर

भारत का प्रतीक अशोक चक्र जिसे कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है । इसमें कुल 24 तीलियाँ है जो मनुष्य के 24 गुणों को दर्शातीं हैं । साथ ही इन्हें मनुष्य के लिए बनाये गए 24 धर्म मार्ग भी कहा जाता है । 22 जुलाई 1947 के दिन संविधान सभा ने तिरंगे को, देश के झंडे के रूप में स्वीकार किया था और हमारे रष्ट्र ध्वज के निर्माताओं ने जब इसका अंतिम रूप फाइनल किया तो झंडे के बीच में चरखे को हटाकर इस अशोक चक्र को स्थापित किया था । अशोक चक्र में दी गयी 24 तीलियाँ देश और समाज के चहुमुखी विकास के प्रति देशवासियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बतातीं हैं । जाने हमारे राष्ट्रीय ध्वजा के अशोक चक्र का हमारे लिए संदेश ।

संबंधित खबरें

 

इसमे समाहित रंगों के माध्यम से भी अद्भुत संदेश दिया गया हैं-


1- केसरिया- त्याग और बलिदान का प्रतीक
2- सफेद- सत्य, शांति और पवित्रता का प्रतीक
3- हरा- समृद्धता का प्रतीक
4- अशोक चक्र- न्याय का प्रतीक

ashok chakra

जाने अशोक चक्र की 24 तीलियों का वास्तिक मतलब

 

1- पहली तीली – संयम (संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है)
2- दूसरी तीली – आरोग्य (निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है)
3- तीसरी तीली – शांति (देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह)
4- चौथी तीली – त्याग (देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास)
5- पांचवीं तीली – शील (व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा)
6- छठवीं तीली – सेवा (देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा)


7- सातवीं तीली – क्षमा (मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना)
8- आठवीं तीली – प्रेम (देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना)
9- नौवीं तीली – मैत्री (समाज में मैत्री की भावना)
10- दसवीं तीली – बन्धुत्व (देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना)
11- ग्यारहवीं तीली – संगठन (राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना)
12- बारहवीं तीली – कल्याण (देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना)


13- तेरहवीं तीली – समृद्धि (देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना)
14- चौदहवीं तीली – उद्योग (देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना)
15- पंद्रहवीं तीली – सुरक्षा (देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना)
16- सौलहवीं तीली – नियम (निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना)
17- सत्रहवीं तीली – समता (समता मूलक समाज की स्थापना करना)
18- अठारहवी तीली – अर्थ (धन का सदुपयोग करना)


19- उन्नीसवीं तीली – नीति (देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना)
20- बीसवीं तीली – न्याय (सभी के लिए न्याय की बात करना)
21- इक्कीसवीं तीली – सहकार्य (आपस में मिलजुल कार्य करना)
22- बाईसवीं तीली – कर्तव्य (अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना)
23- तेईसवी तीली – अधिकार (अधिकारों का दुरूपयोग न करना)
24 चौबीसवीं तीली – बुद्धिमत्ता (देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना)

 

 

उपरोक्त सभी 24 तीलियाँ सम्मिलित रूप से देश और समाज के चहुमुखी विकास की बात करती हैं एवं उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में स्पष्ट सन्देश देती हैं ।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / अशोक चक्र की 24 तीलियाँ ऐसे सिखाती चहुमुखी विकास और कर्तव्य का पाठ- पढ़े पूरी ख़बर

ट्रेंडिंग वीडियो