scriptAshadh Amavasya 2024: आज है आषाढ़ अमावस्या, पितरों की प्रसन्नता के लिए जरूर करें यह काम | Ashadh Amavasya 2024 Today Ashadh Amavasya do this work for happiness of ancestors amavasya snan muhurt ashadh amavasya dan muhurt amavasya par kya karen | Patrika News
धर्म-कर्म

Ashadh Amavasya 2024: आज है आषाढ़ अमावस्या, पितरों की प्रसन्नता के लिए जरूर करें यह काम

हर महीने की अमावस्या तिथि पर स्नान-दान और पितरों का श्राद्ध महत्वपूर्ण धार्मिक कर्म है। लेकिन शुभ समय में इस काम को करने से उसका फल बढ़ जाता है तो आइये जानते हैं आषाढ़ अमावस्या 2024 स्नान मुहूर्त, अमावस्या दान मुहूर्त क्या है और इस दिन क्या काम जरूर करना चाहिए।

भोपालJul 04, 2024 / 10:16 pm

Pravin Pandey

Ashadh Amavasya 2024 Today

आषाढ़ अमावस्या 2024 शुक्रवार

Ashadha Amavasya 2024 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार यह आषाढ़ माह चल रहा है, इसकी अमावस्या तिथि 5 जुलाई 2024 शुक्रवार को है। अमावस्या व्रत पूजा सूर्योदय के समय होती है। इसलिए उदयातिथि में आषाढ़ अमावस्या 18 जून को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान, दान और पूजा पाठ किया जाएगा। हालांकि इससे एक दिन पहले दर्श अमावस्या मनाई जाएगी।

जानें कब है आषाढ़ अमावस्या

प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार आषाढ़ अमावस्या 2024 तिथि की शुरुआत 5 जुलाई सुबह 4.57 बजे से हो रही है और यह तिथि 6 जुलाई सुबह 4.26 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में आषाढ़ अमावस्या का स्नान दान पूजा पाठ पांच जुलाई शुक्रवार को होगा।

आषाढ़ अमावस्या स्नान मुहूर्त

पंचांग के अनुसार आषाढ़ अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पूर्व है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.08 बजे से सुबह 05.29 बजे तक है।
ये भी पढ़ेंः Aashadh Navratri: कब शुरू हो रही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, जानिए घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त, शुभ योग, महत्व और मां की सवारी

आषाढ़ अमावस्या दान का शुभ मुहूर्त

आषाढ़ अमावस्या के दिन दान का शुभ मुहूर्त सुबह 07.13 बजे से सुबह 08.57 बजे तक है। इसके बाद सुबह 08.57 बजे से सुबह 10.41 बजे तक दान करना उत्तम रहेगा। दान का अभिजीत मुहूर्त शुक्रवार 5 जुलाई सुबह 11.58 बजे से दोपहर 12.54 बजे तक है।


इस दिन इस समय करें श्राद्ध-तर्पण पितृ दोष होगा दूर

आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार आषाढ़ अमावस्या को पितरों के निमित्त पूजा और पिंडदान, श्राद्ध तर्पण करना शुभ फल देने वाला होता है। इस दिन सुबह स्वच्छ वस्त्र पहनकर पितरों की प्रसन्नता के लिए हाथ में कुश की पवित्री लें और तिल जल से पितरों को तर्पण करें। इससे पितृ संतुष्ट होते हैं और पितृ दोष दूर होता है।

आषाढ़ अमावस्या का महत्व

आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों के देव अर्यमा की पूजा की जाती है, मान्यता के अनुसार वे इंद्र देव के भाई हैं। पितृ दोष दूर करने के लिए अमावस्या पर अर्यमा की पूजा की जाती है। इसके लिए अमावस्या के दिन स्नान के बाद पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है और उसे जल अर्पित किया जाता है। इससे व्यक्ति को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। पितरों की नाराजगी दूर होने से परिवार की तरक्की होती है और संतान प्राप्ति में बाधा समेत कई अन्य समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

आषाढ़ अमावस्या पर जरूर करें यह काम

  1. अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करने फिर सूर्यदेव को अर्घ्य देने का विधान है।
  2. इस दिन सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए।
  3. अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों को तर्पण कर, जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करना चाहिए।
  4. अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ में दीपक जलाना चाहिए और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनका दर्शन पूजन करना चाहिए।

    Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Ashadh Amavasya 2024: आज है आषाढ़ अमावस्या, पितरों की प्रसन्नता के लिए जरूर करें यह काम

    ट्रेंडिंग वीडियो