इस तरह करें संकष्टी गणेश चतुर्थी पर पूजन
1- चतुर्थी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ धुले हुए लाल रंग के वस्त्र पहने ।
2- श्रीगणेश जी की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर करके कुशा के आसन पर बैठे ।
3- भगवान गणेश का पंचामृत से स्नान करने के बाद- धूप-दीप, दुर्वा, फल, फूल, रोली, मौली, अक्षत, आदि से पूजन करें ।
4- पूजन के बाद श्री गणेश जी को तिल से बनी वस्तुओं, लड्डू तथा मोदक का भोग भी लगाएं, और ‘ॐ सिद्धि बुद्धि सहित महागणपति को दंडवत नमस्कार करें ।
5- शाम के समय में व्रत करने वाले जातक संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा का पाठ करें या तो किसी के द्वारा श्रवण करें ।
6- संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत-उपवास रख कर चन्द्र दर्शन करके गणेश पूजन करने के बाद गणेशजी की आरती भी करें ।
7- विधिवत गणेश पूजा करने के बाद श्रीगणेश मंत्र- ‘ॐ गणेशाय नम:’ या ‘ॐ गं गणपतये नम: मंत्र की एक माला (यानी 108 बार गणेश मंत्र का) जाप अवश्य करें । संकष्टी चतुर्थी के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान जरूर करें ।