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जयपुर

Margashirsha Guruvar Laxmi Puja स्थाई धन—संपत्ति प्राप्त करने के लिए विष्णुजी के साथ करें लक्ष्मीजी की पूजा

अगहन या मार्गशीष मास के गुरुवार को मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन विष्णुजी के साथ ही माता लक्ष्मी और माता तुलसी की पूजा करने से स्थाई धन—संपत्ति प्राप्त होती है। इस दिन अन्न दान का विशेष महत्व है। इससे घर में लक्ष्मीजी का स्थाई निवास बना रहता है।

जयपुरDec 24, 2020 / 09:42 am

deepak deewan

Aghan Guruvar Laxmi Puja Vidhi Agahan Guruvar Laxmi Puja Muhurat

Aghan Guruvar Laxmi Puja Vidhi Agahan Guruvar Laxmi Puja Muhurat

जयपुर. अगहन या मार्गशीष मास के गुरुवार को मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन विष्णुजी के साथ ही माता लक्ष्मी और माता तुलसी की पूजा करने से स्थाई धन—संपत्ति प्राप्त होती है। इस दिन अन्न दान का विशेष महत्व है। इससे घर में लक्ष्मीजी का स्थाई निवास बना रहता है। अगहन माह के हर गुरुवार को लक्ष्मीजी की यह पूजा की जाती है। शाम को घर के द्वार पर दीपों से रोशनी भी की जाती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि अगहन गुरुवारी पूजा का अनेक धर्म ग्रंथों में भी उल्लेख करते हुए इसका महत्व बताया गया है। अगहन में हर गुरुवार को निष्ठापूर्वक लक्ष्मी पूजन करना चाहिए, इससे उनका आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। वे उपासक के घर स्थायी तौर पर आ जाती हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने के साथ ही अनावश्यक खर्च करने से रोकने का भी विधान है।
इस दिन हर घर आंगन और पूजा स्थल पर चावल के आटे के घोल से आकर्षक अल्पनाएं बनाई जाती हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेेंद्र नागर के अनुसार इन अल्पनाओं में विशेष रूप से मां लक्ष्मी के पांव बनाए जाते हैं। सुबह शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके बाद उन्हें विशेष रूप से तैयार किए गए पकवानों का भोग लगाया जाता है। दोपहर में अगहन बृहस्पतिवार की कहानी सुनी जाती है।
आम, आंवला और धान की बालियों से मां लक्ष्मी के सिंहासन को सजाया जाता है और कलश स्थापना कर लक्ष्मी पूजा की जाती है। इस पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद के पकवान खाने-खिलाने का दौर शुरू होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित एमकुमार शर्मा बताते हैं कि प्रसाद खाने के लिए आस-पड़ोस की बहू-बेटियों को विशेष रूप से निमंत्रण दिया जाता है। इस प्रकार पूजा-अर्चना करके मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
अगहन महीने की गुरुवारी पूजा का बहुत महत्व है। इसमें मां लक्ष्मी को प्रत्येक गुरुवार को खासतौर पर अलग-अलग पकवानों का भोग लगाने का रिवाज है। इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। 24 दिसंबर को अगहन माह का गुरूवार है। ज्योतिषाचार्य पंडित जीके मिश्र के अनुसार इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से परिवार में लक्ष्मी का वास हमेशा बना रहेगा।

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