धर्म-कर्म

इस मंदिर में दाल चढ़ाने से उतर जाते हैं सारे कर्ज! जानिये क्या करना होता है इसके लिए…

यहां भगवान शिव को दूध-दही और पंचामृत का भोग नहीं लगाया जाता…

May 22, 2020 / 09:12 pm

दीपेश तिवारी

A temple where you get freedom from debt

देश में आपने हजारों शिव मंदिरों के बारे में सुना होगा, इनमें से कई मंदिरों में तो लगातार चमत्कार भी सुनने व देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्यप्रदेश के हरदा में स्थित है, जिसके बारे में ये मान्यता है कि दीपावली के दिन यहां चने की दाल चढ़ाने से सारे कर्ज उतर जाते हैं। इस मंदिर को ऋणमुक्तेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है, वहीं इस मंदिर के चमत्कारों के बारे में चर्चा के चलते यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

वैसे तो आमतौर पर शिवालयों में मनोकामना पूरी करने के लिए श्रद्धालु भगवान शिव को दूध-दही और पंचामृत का भोग लगाते हैं, लेकिन हरदा ( Harda ) और देवास जिले ( Dewas ) की सीमा के बीच बहने वाली नर्मदा नदी ( Narmada River ) के किनारे बसे नेमावर में स्थित प्राचीन ऋणमुक्तेश्वर मंदिर ( Lord Rinmukteshwar Temple ) में अनोखी परंपरा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में अमावस्या के मौके पर भगवान शंकर ( Lord Shiva ) को चने की दाल चढ़ाई जाती है।

MUST READ : लुप्त हो जाएगा आठवां बैकुंठ बद्रीनाथ – जानिये कब और कैसे! फिर यहां होगा भविष्य बद्री…

इकलौता मंदिर
जानकारों के अनुसार मध्यप्रदेश में यह एक मात्र मंदिर है जहां शिवजी ( lord shiv ) को चने की दाल चढ़ाई जाती है, वहीं कुछ लोगों का तो यहां तक दावा है कि पूरे भारत वर्ष में यह एक मात्र मंदिर है जहां शिवजी को चने की दाल चढ़ाई जाती है। इस वजह से देशभर से लोग यहां पर नर्मदा में डुबकी लगाने और भगवान शिव को दाल चढ़ाने आते हैं। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि पुराणों में दीपावली की अमावस्या ( amavasya ) पर इस मंदिर में चने की दाल चढ़ाने से हर प्रकार के ऋण से मुक्ति मिलती है और भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।

ऋणमुक्तेश्वर मंदिर ( Rinmukteshwar Temple ) में भगवान शिव को चने की दाल क्यों चढ़ाई जाती है? इस संबंध में जानकारों का कहना है कि धार्मिक मान्यता के अनुसार ऋणमुक्तेशवर मंदिर देवताओं के गुरु बृहस्पति का स्थान है। माना जाता है कि भगवान शिव ने सभी ग्रहों को अलग-अलग स्थान दिया है, इनमें से बृहस्पति को ऋणमुक्तेश्वर मंदिर में स्थान दिया गया।

MUST READ : यहां हुआ था शिव-पार्वती का विवाह, फेरे वाले अग्निकुंड में आज भी जलती रहती है दिव्य लौ

https://www.patrika.com/pilgrimage-trips/land-of-lord-shiv-parvati-marriage-6085339/

शिव के अलावा गुरु बृहस्पति का स्थान होने की वजह से इस मंदिर का महत्व बढ़ जाता है। गुरु बृहस्पति पीले रंग से प्रसन्न होते हैं, इसलिए भगवान शिव को चने की दाल चढ़ाई जाती है। पुजारी ने बताया कि इसके प्रभाव से प्रसन्न होकर भगवान शिव अभी अनिष्ट ग्रहों को शांत रखते हैं। यह तक माना जाता है कि यहां आने से श्रद्धालुओं के सभी बिगड़े काम पूरे होते हैं, साथ ही उन्हें हर प्रकार के ऋण से मुक्ति मिल जाती है।

विवाह होने की भी है मान्यता
ऋणमुक्तेशवर मंदिर से जुड़ी एक अन्य मान्यता भी है। मंदिर से जुड़े लोगों के अनुसार यह मंदिर हजारों साल पुराना है। पुराणों के अनुसार दिवाली के मौके पर नर्मदा नदी में स्नान के बाद इस मंदिर में चने की दाल चढ़ाने से न सिर्फ हर प्रकार के ऋण से मुक्ति मिलती है, बल्कि जिनके विवाह नहीं हुआ होता है, उनकी यह मनोकामना भी पूरी हो जाती है।

दीवाली पर ही चने की दाल क्यों?
प्राचीन मान्यता के अनुसार दीपावली पर नर्मदा में स्नान करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है। ऐसे में यहां स्नान करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो जाता है। वहीं धन की देवी का दिन होने के अलावा यहां देवताओं के गुरु बृहस्पति का स्थान होने के कारण यहां चने की दाल चढ़ाई जाती है, वहीं देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद से ऋण से मुक्ति होती हैं।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / इस मंदिर में दाल चढ़ाने से उतर जाते हैं सारे कर्ज! जानिये क्या करना होता है इसके लिए…

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.