साढ़े पांच हजार की आबादी वाले इस गांव में 100 से अधिक अधिकारी रहते हैं, जो देश-प्रदेश समेत आसपास के राज्यों में सेवाएं दे रहे हैं। गांव के हर घर में औसतन एक शासकीय कर्मचारी भी रह रहा है। गांव में लगभग 300 से अधिक कर्मचारी रह रहे हैं।। यहां के युवकों में प्रतियोगी परीक्षाओं में आने की होड़ कोई नई नहीं, बल्कि आजादी के समय से ही लगी हुई है। यही नहीं, आजादी के बाद हुए विधानसभा चुनाव में बापू सिंह अलावा कुक्षी विधानसभा के पहले विधायक रहे। वो इसी गांव के रहने वाले थे।
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गांव को कहा जाता है- अधिकारियों वाला गांव
ये अनोखा गांव धार जिले के डही विकासखंड में स्थित है। यहां की साक्षरता दर 90 फीसदी से ज्यादा है। अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल में लोग सिर्फ अफसर बनने का सपना देखते हुए ही बड़े होते हैं। इसके अलावा यहां के कई युवा अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में बड़े – बड़े पदों पर नौकरी कर रहे हैं या फिर खुद के बिजनेस कर रहे हैं। गांव में हायर सेकेंडरी स्कूल है, जिसमें 23 शिक्षक गांव के ही 702 छात्रों को पढ़ा रहे हैं।गांव का सामाजिक ताना-बाना शिक्षा पर केंद्रित
इस क्षेत्र में लंबे समय से बीआरसी के पद पर कार्य कर रहे मनोज दुबे ने शिक्षा की बेहतरी के लिए कई कार्य किए हैं। नतीजतन यहां शिक्षा की दर काफी ऊंची है। उन्होंने बताया कि गांव के 12 अधिकारी सेवानिवृत्त होकर जन-सेवा के कार्य कर रहे है। वर्तमान में अध्ययन कर रहे युवा बड़ों से प्रेरणा पाकर उच्च शिक्षा हासिल कर रहे है। गांव का सामाजिक ताना-बाना शिक्षा पर केन्द्रित रहता है। बीआरसी दुबे के मुताबिक पड़ियाल में कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल में स्मार्ट क्लासेस शुरु की गई है। इस साल नीट में यहां के 4 विद्यार्थी जबकि जेईई मेंस में 3 विद्यार्थी चयनित होकर डॉक्टर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे है। यह भी पढ़ें- किसानों की बल्ले-बल्ले, पीएम किसान समृद्धि से लाखों किसान परिवारों को मिलेगा फायदा