धार. गुरुवार की दोपहर करीब एक से डेढ बजे के बीच पुलिस के तीन जवान हथकड़ियों में जकड़े दो अपराधियों को लेकर शहर के कलेक्ट्रेट रोड पर स्थित एक भोजनालय पहुंचते हैं। भोजनालय में पांचों लोग एक टेबल पर एक साथ बैठ जाते हैं। इसके बाद पुलिस जवान दोनों अपराधियों की हथकड़ी निकालते हैं और भोजन का आनंद लेना शुरू कर देते हैं। पत्रिका के पास इस घटनाक्रम का वीडियो मौजूद है।कानूनी जानकारों की माने तो पुलिस द्वारा खतरनाक अपराधियों को ही हथकड़ी लगाई जाती है। हालांकि, सार्वजनिक तौर पर तो पुलिस उन्हें हथकड़ियों में ही जकड़कर ले जाती दिखी, लेकिन लोगों की नजरों से बचते हुए पुलिस का ये रवैय्या काफी चितंनीय है।
आपको लग रहा होगा कि, ये किसी फिल्म की स्टोरी का सीन है। ये गुरुवार को एक भोजनालय में अपराधी और खाकी का गठजोड़ नजर आया। हालांकि, ये पुलिस जवान बाहर के बताए जा रहे हैं, जो दो अपराधी को लेकर न्यायालय जा रहे थे।
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कलेक्ट्रेट रोड पर है भोजनालय
आपको बता दें कि, पत्रिका के कैमरे में कैद होने वाले तीन जवान, जिसमें से सिर्फ एक के पास ही रायफल थी। ये लोग भोजनालय में दोपहर में दाखिल हुए। सबसे पीछे की टेबल पर अपराधी आमने-सामने बैठे। बाद में जवानों ने दोनों अपराधियों की हथकड़ी खोल दी। कोली गई हथकड़ी को टेबल पर ही रख दिया। खास बात ये है कि, इस बीच एक अपराधी शौचालय भी गया। इस दौरान दूसरा अपराधी पुलिस जवानों से बातचीत करता रहा।
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पुलिस कस्टडी से भाग जाते हैं अपराधी, फिर भी नहीं सुधर रही पुलिस
वहीं, एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी का कहना है कि, बिना न्यायालय की अनुमति अपराधी की हथकड़ी खोलना भी अपराध की श्रेणी में आता है। वहीं, इस मामले को जब पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने कहा कि, ‘मैं इस मामले को दिखवा लेता हूं।’ हालांकि, सवाल ये है कि, प्रदेश में आए दिन पुलिस कस्टडी से अपराधियों के भागने की घटनाएं सामने आना आम हो गया है। बावजूद इसके पुलिस जवानों का इतना लापरवाही भरा रवैय्या आमजन की सुरक्षा की गंभीरता के बारे में सोचने को मजबूर करता है।