इससे पूर्व माता त्रिशलारानी द्वारा भगवान महावीर के जन्म से पूर्व देखे गए 14 स्वप्न का समाजजनों को दर्शन करवाने के चढ़ावे उनके महत्व दर्शाने के साथ करवाए गए । श्री मोहनखेड़ा तीर्थ की ओर से भगवान के मुनिमजी बनने का लाभ हुकमीचंद लालचंद वागरेचा परिवार को प्राप्त हुआ । जन्म वाचन से पूर्व द्वितीय पट्धर आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय धनचन्द्रसूरीश्वरजी मसा की 100 वीं (शताब्दी) पुण्यतिथि एवं पूज्य महत्तरा साध्वी श्री मुक्तिश्रीजी म.सा. की 15 वीं पुण्यतिथि गुणानुवाद के साथ मनाई ।
प्रभुजी के जन्म के बाद सभी गुरुभक्तों को लडडू एवं प्रभावना वितरित की प्रथम स्वप्न श्री भंवरलाल दरगाजी जोगाणी, द्वितीय कमलाबेन कांतिलालजी बाफना, तृतीय बाबूलाल धनराजजी डोडियागांधी, चतुर्थ राजेन्द्र गु्रप रानीबेन्नूर, पंचम प्रकाशचंद मीठालाल जैन, छठा पीसी जैन बांसवाड़ा, सातवां रेवाचंदजी वाणीगोता, आठवां चन्द्रशेखरजी मांदरेचा, नवां विकास दिलीप नाहर, दसवां पारसमल अशोकुमार रांका, ग्यारहवां भंवरलाल सरथा बोहरा, बारहवां दिनेशकुमार सागरमल लुणावत, तेरहवां जसराज प्रदीपकुमार धारीवाल, चौदहवां पारसमणी महेन्द्र भंडारी ने लाभ लिया । माता त्रिशला रानी को पुष्पहार सुगंधीलाल वेणीराम सराफ परिवार ने पहनाया । झालर बजाकर जन्म की सूचना प्रताप चौधरी इन्दौर वाले दी । भगवान के जन्म विवरण बाद रमेशकुमार गणेशमल जैन परिवार अम्बरनाथ वालों ने प्रभु का पालना झुलाया एवं बागरा निवासी ओटमल साकलचंद जैन परिवार प्रभु का पालना जिन मंदिर में लाए और प्रभु की भक्ति भावना की । इसी परिवार ने सभी समाजजनों को केसर के छापे भी लगाए । प्रभु जन्म बाद् श्री महावीरस्वामी भगवान की आरती भंवरलाल दरगा भीनमाल वालों ने उतारी । दादा गुरुदेव की आरती नगीनकुमार अमृतलाल जैन इन्दौर वालों ने उतारी । प्रभुजी के जन्म के बाद सभी गुरुभक्तों को लडडू एवं प्रभावना वितरित की गई ।