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जब शुक्रवार सुबह डेम में पानी का रिसाव बढ़ा तो सुबह से ही पुलिस और प्रशासन की टीमें गांवों में पहुंची और गांव खाली कराने के अलाउंसमेंट शुरू हो गए। मुनादी करवाकर प्रत्येक व्यक्ति को गांव छोडऩे के लिए कहा। ऐसे में जिस व्यक्ति को जो समझ आया वो उतना सामान लेकर वह घर छोड़कर निकल पड़े। परिवार व बच्चों को ले जाते वक्त हर किसी चेहरे पर मायूसी का मंजर देखने को मिला। ट्रॉली, पिकअप सहित अन्य वाहनों की मदद से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। अधिकांश लोग पहाड़ी क्षेत्र में गए हुए और गांव में घरों पर ताले लटके हुए है। दिनभर लोग डेम पर चल रहे प्रशासन की परेड और मरम्मत कार्य पहाड़ी से देखते रहे।
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मुआवजे की मांग
इस डेम के निर्माण के वक्त विधायक पांचीलाल मेड़ा ने भी स्थानीय लोगों को मुआवजा नहीं मिलने पर कई बार धरने दिए, लेकिन कभी भी डैम में घटिया निर्माण को लेकर प्रदर्शन या शिकायत नहीं की। इसका खामियाजा आज ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है। लोगों के जहन सिर्फ एक बात चल रही है कि किसी भी परिस्थिति में इस डेम के फूटने की नौबत न बने।
मंत्री पहुंचे मौके पर
कारम डेम फूटने पर सरकार के दो मंत्री शुक्रवार को पहुंचे। उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव जानकारी मिलने पर सबसे पहले डेम पर पहुंचे और हालात पर नजर बनाए रखी। डैम के डेंजर जोन तक मंत्री दत्तीगांव ने पहुंचकर स्थिति देखी। वहीं दोपहर में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी मौके पर पहुंचे और सुधार कार्य के निर्देश दिए। धार व खरगोन के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी डैम व आसपास के इलाकों में लगाई है।
बहन वापस चली गई
बहन राखी पर्व मनाने आई थी। डैम का रिसाव गुरुवार से शुरू हो गया। फूटने की आशंका को देखते हुए बहन वापस चली गई। अधिकारी गांव में आएबोले आपकी जान को खतरा है और धामनोद की धर्मशाला में रूकवा दिया। घर में बंधु पशुओं की चिंता हो रही है।
-सोनू, ग्रामीण
पहले कहां थे मंत्री
ग्रामीण घटिया निर्माण की शिकायत कर रहे थे। एक युवक ने सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की लेकिन उसदौरान सरकार और प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। आज हमारी जान पर बन आई। घर छोडने को मजबूर होना पडा। अब दो मंत्री क्षेत्र में आए है।
-रमेश, ग्रामीण
धर्मशालाओं में रुके शरणार्थी
घर से निकले ग्रामीणों को धामनोद की धर्मशालाओं में विस्थापित किया है। नगर की पांच धर्मशालाओं में नौ गांव के लगभग पांच हजार लोगों को ठहराया गया है। अधिकांश ग्रामीण डरे और सहमे हुए है। इनके भोजन की व्यवस्था प्रशासन के अलावा नगर की कई सामाजिक संस्थाएं कर रही है।
मशीनों से काम जारी
दोपहर में केनाल कटिंग का काम मशीनों मदद से किया जा रहा है। मौके पर दोपहर से लेकर खबर लिखे जाने नौ बजे तक पांच मशीनों से केनाल खोदने का काम किया जा रहा था। डैम को खाली कर पानी को नदी में छोडा जा रहा है। मौके पर दो केबिनेट मंत्री राजवर्द्धनसिंह दत्तीगांव, तुलसीराम सिलावट अभी भी मौजूद थे।
वर्ष-2018 में शुरू हुआ था काम
कारम डेम निर्माण का काम वर्ष-2018 में शुरू हुआ था। 36 माह में डेम का काम पूरा होना था, लेकिन कोरोना के चलते काम प्रभावित हुआ और अब तक जारी था। भाजपा सरकार के मंत्री अंतरसिंह आर्य ने इस डेम के कार्य का भूमिपूजन किया था। इस डेम से बनने से 52 गांवों में 10 हजार 500 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो सकेगी।
एबी रोड पर सबसे लंबा जाम
इधर कारम डेम यदि फूटता तो नीचले इलाकों में बाढ़ का खतर पैदा हो जाता। इसका असर एबी रोड मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी देखने को मिलता। इस कारण ऐहतियातन सुबह 10 बजे से ही फोरलेन पर वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया था। इस कारण फोरलेन पर अब तक का सबसे लंबा जाम देखने को मिला।
तीनों जिलों का प्रशासन मौजूद
डेम बनने से धार व खरगोन को फायदा होगा। लेकिन डेम फूटने से नुकसान भी दोनों जिलों को भुगतना होगा। इस कारण मरम्मत के वक्त धार कलेक्टर पंकज जैन, एसपी आदित्य प्रताप सिंह समेत खरगोन और इंदौर के अधिकारी मौके पर मौजूद थे। भोपाल से विभाग के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मरम्मत कार्य की मॉनीटरिंग की।
कारम डैम के निचले हिस्से में आने वाले गांवों को खाली करा रहे है। शासन के ऑर्डर है कि कोई भी व्यक्ति इन गांवों में रात न रुके, सभी को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा। धार जिले के 11 ओर महेश्वर तहसील के 6 गांव शामिल है।
-दिव्या पटेल, एसडीएम,मंडलेश्वर।